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Operation Sindoor: भारतीय इतिहास में कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो न केवल देश की सामरिक क्षमता को दिखाती हैं, बल्कि आम जनता के दिलों में न्याय की भावना को भी सजीव कर देती हैं. ऑपरेशन सिंदूर ऐसी ही एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई बन गया है, जिसने पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले निर्दोष लोगों के परिवारों को न्याय का अहसास कराया. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए इकलौते मुस्लिम आदिल हुसैन के पिता का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि मालूम था पीएम मोदी ऐसा ही कदम उठाएंगे.
एक पिता का दर्द और संतोष
इस आतंकी हमले में अपने बेटे को खो चुके हैदर शाह, जिन्होंने अपने युवा बेटे सैयद आदिल हुसैन शाह को खोया, उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोते हुए कहा, "हमें आज न्याय मिला है." उन्होंने न केवल भारत सरकार और सशस्त्र बलों का आभार जताया, बल्कि यह विश्वास भी जताया कि इस जवाबी कार्रवाई से भविष्य में ऐसी त्रासदियों की पुनरावृत्ति नहीं होगी. यह वक्तव्य केवल एक पिता का नहीं था, बल्कि पूरे देश की ओर से उन सुरक्षाबलों के लिए सम्मान था, जिन्होंने आतंकवादियों के अड्डों पर सटीक प्रहार किया.
#WATCH | Anantnag, J&K: Syed Adil Hussain Shah, a local, died in the Pahalgam terror attack while trying to save the tourists
— ANI (@ANI) May 7, 2025
On #OperationSindoor, his father Hyder Shah says, " We are delighted that killing of those 26 Pahalgam victims including my son, has been avenged. I… pic.twitter.com/vYOkpgiI39
आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक रुख
ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से बुधवार की सुबह पाकिस्तान और पीओजेके में स्थित नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के लिए चलाया गया. इस अभियान में विशेष रूप से भारतीय वायुसेना के राफेल जेट्स का उपयोग किया गया, जिन्होंने अत्याधुनिक हथियारों जैसे SCALP क्रूज मिसाइलों और HAMMER प्रिसिशन बमों की मदद से सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। यह हमला न केवल सैन्य स्तर पर सफलता थी, बल्कि यह एक रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक संदेश भी था कि भारत अब आतंक के खिलाफ नर्मी नहीं बरतेगा.
कूटनीतिक दृढ़ता भी समानांतर
इस कार्रवाई के तुरंत बाद भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भी वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता (Zero Tolerance) की नीति को पुनः दोहराया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि दुनिया को अब यह समझना होगा कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं हो सकता और इसका हर स्तर पर विरोध आवश्यक है. भारत की यह कूटनीतिक पहल अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक स्पष्ट संकेत थी कि आतंक के विरुद्ध कोई ढील नहीं दी जाएगी.
एक नया भारत: निर्णायक, सक्षम और न्यायप्रिय
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी; यह भारत की बदली हुई सोच और नीतियों का प्रतीक था. यह उस 'नए भारत' की तस्वीर पेश करता है जो अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है, जो केवल सहन नहीं करता, बल्कि सटीक जवाब देने में विश्वास रखता है.
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