ऑपरेशन सिंदूर के बाद लश्कर आतंकी का कबूलनामा, सैफुल्लाह कसूरी ने माना, पाकिस्तान में भारत ने मचाई थी तबाही

लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी ने स्वीकार किया कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में आतंकी ढांचा तबाह हुआ है. हालांकि उसने सार्वजनिक सभा में भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए और कश्मीर को लेकर संगठन की प्रतिबद्धता दोहरा

लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी ने स्वीकार किया कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में आतंकी ढांचा तबाह हुआ है. हालांकि उसने सार्वजनिक सभा में भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए और कश्मीर को लेकर संगठन की प्रतिबद्धता दोहरा

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Ravi Prashant
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आतंकी सैफुल्लाह कसूरी Photograph: (x/OsintTV)

लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी और संगठन के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी ने यह स्वीकार किया है कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया है. हालांकि इस स्वीकारोक्ति के साथ ही उसने भारत के खिलाफ उकसाने वाली और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल भी किया. कसूरी, जो कि हाफिज सईद का करीबी सहयोगी माना जाता है, उसने कहा कि भारत ने आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर एक बड़ी गलती की है.

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सार्वजनिक सभा में भड़काऊ बयान

सैफुल्लाह कसूरी ने यह बयान एक सार्वजनिक सभा के दौरान दिया, जिसमें हजारों लश्कर कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद थे. सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में कसूरी को यह कहते हुए सुना गया कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर संगठन को कमजोर करने की कोशिश की. हालांकि इस वीडियो की स्वतंत्र पुष्टि नहीं की जा सकी है.

कसूरी ने कहा कि मेरे आखिरी शब्द… अपने लोगों की सुनो, बाहर वालों की सुनो, दोस्तों की सुनो और दुश्मनों की भी सुनो. जो हमें आतंकवादी कहते हैं, वे भी हमारी बात सुनें. उसने यह दावा किया कि पूरी दुनिया की व्यवस्था को बदला जा सकता है और संगठन अपने उद्देश्य से पीछे नहीं हटेगा.

कश्मीर पर दोहराया पुराना एजेंडा

लश्कर नेता ने खुले तौर पर यह दोहराया कि संगठन कश्मीर मिशन से कभी पीछे नहीं हटेगा. उसने कई विवादित और ऐतिहासिक रूप से भ्रामक क्षेत्रीय दावे भी किए और कहा कि कश्मीर सहित कई भारतीय क्षेत्रों को कथित रूप से छीना गया है. सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बयान संगठन की हताशा और बौखलाहट को दर्शाते हैं.

पहलगाम हमले के बाद भारत की कार्रवाई

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे. इस हमले के बाद भारत ने 7 से 10 मई के बीच ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इस अभियान के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी शिविरों को नष्ट किया गया.

इनमें से सात शिविरों को भारतीय सेना ने और दो को भारतीय वायुसेना ने ध्वस्त किया. ये हमले सटीक, सीमित अवधि के और संतुलित बताए गए, जिनका उद्देश्य तनाव बढ़ाए बिना आतंक के खिलाफ मजबूत संदेश देना था.

पाकिस्तानी उकसावे की कोशिश नाकाम

ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए भारतीय सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिशें की गईं, जिन्हें भारतीय वायुरक्षा इकाइयों ने पूरी तरह नाकाम कर दिया. नियंत्रण रेखा पर ज़मीनी हथियारों से

एक दर्जन से अधिक आतंकी लॉन्च पैड तबाह किए गए, जिससे घुसपैठ और आतंकी लॉजिस्टिक नेटवर्क को भारी नुकसान पहुंचा. सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि सैफुल्लाह कसूरी के बयान दरअसल भारत की कार्रवाई से उपजे दबाव और आतंकी नेटवर्क की कमजोर स्थिति को छिपाने की कोशिश हैं.

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