Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चला आ रहा तनाव हाल ही में फिर एक बार चरम पर पहुंचा, लेकिन अब संघर्ष विराम के बाद स्थिति में कुछ हद तक स्थिरता आई है. हालांकि इस संघर्ष के पीछे एक नया चेहरा उभर कर सामने आया तुर्किए. भारत के खिलाफ पाकिस्तान को सक्रिय समर्थन देने और तकनीकी मदद पहुंचाने के चलते तुर्किए की भूमिका सवालों के घेरे में है.हालांकि पाकिस्तान के साथ-साथ भारत ने पाक के दोस्त तुर्किए को भी गहरा घाव दे दिया है.
तुर्किए की "अदृश्य" भागीदारी
पिछले दिनों पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जिन ड्रोन हमलों को अंजाम दिया, उनमें तुर्किए के बनाए गए बायरकटर TB2 और वाईआईएचए जैसे उन्नत ड्रोन शामिल थे, लेकिन तुर्किए की भूमिका केवल ड्रोन आपूर्ति तक सीमित नहीं रही. एक लीडिंग मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्किए ने न केवल ये ड्रोन दिए, बल्कि अपने मिलिट्री ऑपरेटर्स को पाकिस्तान भेजकर इन हमलों की योजना और संचालन में भी मदद की. यह सहयोग सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि सैन्य स्तर पर सीधा हस्तक्षेप था.
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया
भारत ने इस बढ़ते खतरे को गंभीरता से लेते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' नामक एक गुप्त और सटीक सैन्य अभियान को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी अड्डों को निशाना बनाया. मिसाइल और ड्रोन हमलों की मदद से इन ठिकानों को तबाह कर दिया गया, जिससे 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कार्रवाई में तुर्किए के दो सैन्य ऑपरेटर्स भी मारे गए, जो ड्रोन ऑपरेशन का हिस्सा थे.
ड्रोन हमलों के जवाब में भारत का एयर डिफेंस सिस्टम
पाकिस्तान ने इसके बाद कई रातों तक जम्मू, पंजाब और गुजरात जैसे इलाकों में ड्रोन के जरिए हमले करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) ने इन प्रयासों को सफल नहीं होने दिया. भारतीय सुरक्षा बलों ने अधिकांश ड्रोन को सीमा पार करने से पहले ही मार गिराया, जिससे संभावित नुकसान को टाल दिया गया.
तुर्किए के दोहरे रवैये पर सवाल
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने सार्वजनिक रूप से तो भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम का स्वागत किया और शांति बनाए रखने की बात कही, लेकिन उनकी सरकार की कार्रवाई इसके बिल्कुल विपरीत रही. भारत ने तुर्की पर सीधे तौर पर पाकिस्तान को सैन्य सहयोग देने का आरोप लगाया है, जिससे इस्लामाबाद और अंकारा के बीच गहरे होते रिश्ते उजागर हुए हैं.
भारत की रणनीति ने बदली दिशा
भारत ने न केवल अपने क्षेत्रीय हितों की रक्षा की, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने न सिर्फ पाकिस्तान को चेतावनी दी, बल्कि तुर्की जैसे सहयोगी देशों को भी संकेत दे दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर किसी भी हद तक जा सकता है.
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