Operation Sindoor: भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सीजफायर के बावजूद सीमा पर हालात अब भी तनावपूर्ण हैं. अमेरिका की मध्यस्थता के बाद भले ही युद्धविराम की घोषणा हुई, लेकिन जमीनी स्तर पर पाकिस्तान की उकसावे वाली हरकतें थमी नहीं हैं. इसी संदर्भ में भारतीय थल, वायु और नौसेना के अभियान महानिदेशकों—DGMO, DGAO और DGNO—ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने "ऑपरेशन सिंदूर" और पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन हमलों पर विस्तृत जानकारी दी.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में न्यूज नेशन के वरिष्ठ संवाददाता मधुरेंद्र ने सेना से कुछ सवाल किए. उनके इन सवालों का जवाब एयर मार्शल ए.के. भारती ने रामचरित मानस की एक पंक्ति के जरिए दिया. खास बात यह है कि इस पंक्ति के जरिए उन्होंने सेना को सीधा संदेश भी दे डाला.
क्यों एयर मार्शल ने किया रामचरित मानस की पंक्तियों का जिक्र...
न्यूज नेशन के सवाल पर एयर मार्शल ने रामचरितमानस की एक प्रभावशाली चौपाई के माध्यम से संदेश दिया — “बिनय न मानत जलधि जड़, गए तीन दिन बीत। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होय न प्रीति॥”
संवाद से बात न बनें तो सख्ती जरूरी
यह चौपाई मौजूदा हालातों पर सटीक बैठती है. इसका सार यही है कि जब विनम्रता और संवाद से बात न बने, तब सख्ती जरूरी हो जाती है. भारतीय सेना का यह रुख साफ करता है कि शांति की पहल के साथ-साथ आत्मरक्षा के लिए सख्ती भी जरूरी है. यही नहीं इन पंक्तियों ने इन पक्तियों ने प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर चलती हमारी सेना के मनोबल और इच्छा शक्ति को भी साफ कर दिया है.
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