Operation Sindhu: इजरायल और ईरान के बीच पिछले नौ दिनों से जंग जारी है. जिसके चलते ईरान पढ़ने गए भारतीय छात्रों की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं. भारत सरकार ने इन छात्रों को स्वदेश लाने के लिए ऑपरेशन सिंधु चलाया है. जिसके तहत अब तक दो दल भारत पहुंच चुके हैं. शनिवार तड़के भारतीय छात्रों का दूसरा दल दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा. इस दल में कुल 290 छात्र शामिल थे. वहीं शनिवार को दो और दलों के भारत पहुंचने की उम्मीद है. इनमें एक अश्गाबात और दूसरा तुर्कमेनिस्तान से है.
भारतीय छात्रों के लिए ईरान ने खोला अपना एयरस्पेस
बता दें कि इजरायल से जंग के चलते ईरान ने फिलहाल अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर रखा है, लेकिन भारतीय छात्रों और नागरिकों की निकासी के लिए ईरान ने अपना एयरस्पेस खोल दिया. दिल्ली में ईरानी दूतावास के उप-प्रमुख मोहम्मद जावेद हुसैनी ने कहा कि, "ईरान का हवाई क्षेत्र फिलहाल बंद है, लेकिन हम भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए सीमित पहुंच की सुविधा दे रहे हैं." उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अतिरिक्त उड़ानों की योजना बनाई जा सकती है. इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार के साथ लगातार बातचीत जारी करने की भी पुष्टि की है.
दिल्ली पहुंचते ही छात्रों ने लगाए 'भारत माता की जय' के नारे
बता दें कि ईरान में बड़ी संख्या में छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाते हैं. इनमें सैकड़ों भारतीय छात्र भी शामिल हैं. इजरायल के साथ जंग के चलते ईरान में पढ़ाई कर रहे छात्रों का जीवन संकट में पड़ गया है, क्योंकि इजरायल लगातार ईरानी शहरों को निशाना बना रहा है. ऐसे में भारत सरकार अपने छात्रों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु चला रही है. शनिवार तड़के जैसे ही भारतीय छात्रों को लेकर विशेष विमान दिल्ली पहुंचा, छात्रों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. इस दौरान छात्रों ने दिल्ली एयरपोर्ट पर 'भारत माता की जय' और 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए.
दिल्ली पहुंचने वाले छात्रों ने ईरान की भयावहता को भी याद किया और युद्ध के दौरान त्वरित कार्रवाई और उन्हें वापस लाने की कोशिशों के लिए भारतीय अधिकारियों की तारीफ की. मशहद से आने वाली एक छात्रा ने कहा कि, 'भारत सरकार ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है. मैं यह बता नहीं सकती कि अपने देश पहुंचने पर आपको कितनी शांति महसूस होती है." ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज की एमबीबीएस की छात्रा सेहरिश रफीक ने कहा कि, "ईरान में स्थिति काफी विनाशकारी थी. पहले तो हमें उम्मीद नहीं थी कि यह इतना बढ़ जाएगा. सभी कश्मीरी वास्तव में भारत सरकार के आभारी हैं."
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