Online Gaming Ban in India: ऑनलाइन गेम्स पर बैन की तैयारी, संसद में बिल पेश

जिस बिल को लोकसभा में पास किया गया है उसका पूरा नाम प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 है. इसका मकसद ऑनलाइन गेमिंग में ट्रांजैक्शन और विज्ञापन को पूरी तरह से बैन करने का है.

जिस बिल को लोकसभा में पास किया गया है उसका पूरा नाम प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 है. इसका मकसद ऑनलाइन गेमिंग में ट्रांजैक्शन और विज्ञापन को पूरी तरह से बैन करने का है.

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Mohit Sharma
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टीवी या मोबाइल पर आपने अक्सर विज्ञापन सुना होगा टीम बनाइए और 2 घंटे में करोड़पति बन जाइए. ऐसे विज्ञापन लोगों को जल्दी अमीर बनने का सपना दिखाते हैं. कई लोग अपनी परेशानियों और पैसों की तंगी से निकलने के लिए इन एप्स पर खेलना शुरू कर देते हैं. लेकिन ज्यादातर बार वे जीतने के बजाय पैसे हार जाते हैं और इन खेलों के जाल में फंस जाते हैं. अब सरकार ने ऐसे ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी पर रोक लगाने के लिए संसद में एक नया बिल पेश किया है.

क्या है बिल

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ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि और ऐसे तमाम एप्स भी अब बैन हो जाएंगे. जिस बिल को लोकसभा में पास किया गया है उसका पूरा नाम प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 है. इसका मकसद ऑनलाइन गेमिंग में ट्रांजैक्शन और विज्ञापन को पूरी तरह से बैन करने का है. यानी ऑनलाइन गेमिंग में आप पैसों का लेनदेन नहीं कर सकते. अगर कोई गेमिंग ऐप ऐसा करती है तो उसके खिलाफ कारवाई की जाएगी और जेल तक का प्रावधान है. कुल मिलाकर ऑनलाइन सट्टेबाजी वाले ऐप सब इस बिल के बाद नपने वाले हैं. सरकार की ओर से सदन में पेश किए गए इस बिल में पैसों के इस्तेमाल से खेली जाने वाले ऑनलाइन गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध की बात कही गई है. इन गेम्स के कारण बच्चों और युवाओं को इसकी लत लग जाती है. इसके अलावा उन्हें वित्तीय नुकसान भी होता है और इस कारण आत्महत्याएं भी होती हैं.

कितनी जुर्माना, कितनी सजा

सरकार का अनुमान है कि लगभग 45 करोड़ लोग हर साल ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग में करोड़ों गंवाते हैं. बिल में प्रस्ताव है कि कानून बनने के बाद इसका उल्लंघन कर ऑनलाइन मनी गेमिंग सर्विस देने वालों को 3 साल तक की जेल या ₹1 करोड़ तक का जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं. नियमों का उल्लंघन करके विज्ञापन देने वालों के लिए भी प्रावधानों में 2 साल की कैद या ₹50 लाख तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. ऐसे ही किसी तरह के लेनदेन में शामिल लोगों को भी सजा दी जाएगी. बार-बार उल्लंघन करने वालों को 5 साल तक की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इन चिंताओं में मनी लॉन्ड्रिंग अवैध फंड ट्रांसफर के लिए डिजिटल वॉलेट्स और क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल इन प्लेटफार्म आच इन प्लेटफॉर्म्स का आतंकी संगठनों द्वारा मैसेज और कम्युनिकेशन के साधन के रूप में इस्तेमाल होने की आशंका और विदेशी संस्थाओं द्वारा भारतीय कर और कानूनी तथ्यों से बस निकलना शामिल है.

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