/newsnation/media/media_files/2025/12/13/bjp-mp-sudhanshu-trivedi-2025-12-13-17-32-20.jpg)
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी Photograph: (ANI)
तिरुप्परनकुंद्रम दीपम विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने तमिलनाडु सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को केवल एक स्थानीय या धार्मिक विवाद न बताते हुए भारत की सांस्कृतिक और संवैधानिक पहचान पर गहरा आघात करार दिया.
1931 के फैसले का हवाला
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कार्तिगई दीपम उत्सव ब्रिटिश काल से लगातार आयोजित होता आ रहा है. उन्होंने 1931 के एक न्यायिक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि उस फैसले में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि दरगाह के पास के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरी पहाड़ी देवस्थानम की है. उनके अनुसार इस ऐतिहासिक और कानूनी तथ्य की अनदेखी करना दुर्भाग्यपूर्ण है.
हाई कोर्ट के आदेश को किया अनदेखा
बीजेपी सांसद ने कहा कि जब हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया था कि 10 लोग स्तंभ के पास दीप जलाने की अनुमति रखते हैं, तब भी राज्य सरकार के वकील ने स्तंभ के अस्तित्व के प्रमाण मांगे. उन्होंने इसे न्यायिक प्रक्रिया का अपमान बताया. त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि एक हाई कोर्ट जज को धमकाने के उद्देश्य से महाभियोग तक का प्रस्ताव रखने की बात की गई, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है.
ये सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति है
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह मामला सिर्फ वोट बैंक की राजनीति नहीं बल्कि एक संरचनात्मक और सुनियोजित हमला है, जो भारत की मूल पहचान को कमजोर करने की कोशिश करता है. उन्होंने दावा किया कि छद्म-धर्मनिरपेक्षता के कारण देश का भविष्य खतरे में है.
सनातन धर्म और हिंदुत्व का मुद्दा
उन्होंने तमिलनाडु में सनातन धर्म के उन्मूलन को लेकर हुई एक कथित कॉन्फ्रेंस और 2021 में वैश्विक स्तर पर हिंदुत्व को खत्म करने से जुड़ी बैठक का भी जिक्र किया. त्रिवेदी ने कहा कि ये घटनाएं एक विशेष वैचारिक मानसिकता को उजागर करती हैं, जो हिंदू परंपराओं के प्रति विरोधी है.
INDI गठबंधन पर साधा निशाना
बीजेपी सांसद ने पूरे INDI गठबंधन पर हिंदू विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया. उन्होंने बंगाल में तथाकथित बाबरी मस्जिद विवाद, तेलंगाना में दिए गए बयानों और तमिलनाडु सरकार के रवैये को इसके उदाहरण के रूप में पेश किया. उनके अनुसार न्यायपालिका को धमकाना और धार्मिक परंपराओं में हस्तक्षेप करना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है.
सांप्रदायिक उन्माद का आरोप
सुधांशु त्रिवेदी ने अंत में कहा कि इस तरह के कदमों का उद्देश्य लोगों के बीच सांप्रदायिक उन्माद फैलाना है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस तरह की राजनीति पर रोक नहीं लगी, तो यह देश की एकता, सांस्कृतिक विरासत और संवैधानिक व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बन सकती है.
#WATCH | Delhi | On Thirupparankundram deepam row, BJP MP Sudhanshu Trivedi says, "Karthigai Deepam Utsav has been going on since the British era... It was categorically stated in a judgement in 1931 that the entire hill, barring some area nearby the Dargah, belongs to… pic.twitter.com/q4nA2dxsVp
— ANI (@ANI) December 13, 2025
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us