अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों अपने ऊल-जुलूल बयानों के कारण वैसे ही सुर्खियों में है. वहीं, अब उनकी और आलोचना हो रही है. दरअसल, ट्रंप ने हाल ही में पाकिस्तानी आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर को लंच पर व्हाइट हाउस बुलाया था, जो कई देशों को पसंद नहीं आया. इन सबके बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह अमेरिका है, अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकता है.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मीडिया ने असीम मुनीर के व्हाइट हाउस में लंच से जुड़ा एक सवाल किया था. इस पर उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति अपनी मर्जी के मालिक हैं. वे किसे लंच पर बुलाएं और किसे नहीं, ये बात हम उन्हें नहीं बता सकते हैं. ये बात अलग है कि हम अब तक सोचते थे कि अमेरिका हमारा खास दोस्त है. हमें लगता था कि अमेरिका इस दोस्ती का ख्याल रखेगा. लेकिन पहले की तरह ही अमेरिका ने वही किया, जिससे अमेरिका को फायदा होगा. अमेरिका को किसी भी देश की परवाह नहीं है.
उमर बोले- लोगों को रातों-रात ईरान से नहीं ला सकते
ईरान-इस्राइल युद्ध पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ये बंद होना चाहिए. बातचीत से इसका समाधान होना चाहिए. ये बमबारी शुरू ही नहीं होनी चाहिए थी. अमेरिकी खुफिया विभाग के चीफ तुलसी गबार्ड से जब पिछले सप्ताह जब ईरान के परमाणु बम के बारे में सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि ईरान परमाणु बम नहीं बनाएगा. बावजूद इसके इस्राइल ने ईरान पर अटैक कर दिया.
एयरपोर्ट-बंदरगाह बंद
ईरान में पढ़ रहे कश्मीरी स्टूडेंट्स के बारे में उन्होंने कहा कि हम उन्हें रातों-रात वापस नहीं ला सकते हैं. एयरपोर्ट और बंदरगाह बंद हैं. सड़क के माध्यम से हम सबसे पहले, उन्हें उन जगहों पर लेकर जा रहे हैं, जहां बमबारी नहीं हो रही है. वहां से उन्हें अर्मेनिया के रास्ते से भारत लाया जा रहा है.