अभी-अभी भारतीयों के लिए आई बड़ी खबर, अब इस देश ने बढ़ाई टेंशन, जानें क्या है होने वाला

चीन और पाकिस्तान के बाद अब इस देश ने भारत और भारतीयों की टेंशन बढ़ा दी है. इस देश की सरकार ने ऐसा फरमान सुनाया है, जिससें इंडियंस टेंशन में आ गए हैं.

चीन और पाकिस्तान के बाद अब इस देश ने भारत और भारतीयों की टेंशन बढ़ा दी है. इस देश की सरकार ने ऐसा फरमान सुनाया है, जिससें इंडियंस टेंशन में आ गए हैं.

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Mohit Sharma
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ओमान में एक ऐसा नियम लागू होने जा रहा है, जिसका असर वहां रह रहे भारतीयों पर पड़ेगा, दरअसल, ओमान गल्फ देशों में पहला ऐसा देश बनने जा रहा है जो पर्सनल इनकम टैक्स लागू करेगा, ओमान में लगभग 7 लाख भारतीय रहते हैं, तो चलिए समझते हैं कि यह नियम क्या है और यह कैसे और कितने भारतीयों को प्रभावित करने वाला है, असल में ओमान ने औपचारिक रूप से पर्सनल इनकम टैक्स व्यवस्था की स्थापना करते हुए 2025 का रॉयल डिग्री नंबर 56 जारी किया है, जो 2028 की शुरुआत में लागू होगा. हालांकि 2028 में यह नियम लागू होगा. इस नियम के तहत सिर्फ हाई लेवल की आय वाले लोगों को ही टैक्स चुकाना होगा.

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यह नियम ओमान में जनवरी 2028 से लागू होगा

असल में यह नियम ओमान में जनवरी 2028 से लागू होगा. इस नियम के तहत हर साल 42,000 ओमानी रियाल की सीमा से ऊपर कमाने वाले व्यक्तियों पर 5% टैक्स लगाया जाएगा. हालांकि साथ ही यह भी बताया गया है कि ओमान की जनसंख्या की आय के हिसाब से सिर्फ 1% लोगों पर ही इसका असर होगा. असल में ओमान में सिर्फ 1% लोग ही ऐसे हैं जो इतना कमाते हैं. यहां आपको बता दें कि गल्फ देशों में पर्सनल इनकम टैक्स का प्लान लाने वाला और इसको लागू करने के लिए तैयार करने वाला ओमान पहला देश बन गया है. इससे पहले किसी भी गल्फ देश में इनकम टैक्स नहीं लगता था. इसी के चलते बड़ी संख्या में गल्फ देशों में काम कर रहे भारतीयों को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है. लेकिन अब इस नियम के चलते 42,000 ओमानी रियाल कमाने वाले भारतीयों को भी टैक्स चुकाना पड़ेगा. अब सवाल यह उठता है कि ओमान ने यह फैसला क्यों लिया है.

ओमान तेल पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है

दरअसल. ओमान तेल पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. इसी के चलते उसने यह कदम गया.एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार टैक्स लागू करने के लिए सभी जरूरी तैयारियां और चीजें पूरी कर ली गई हैं. ओमान की सरकार नई टैक्स व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए तैयार भी है. यह कानून सामाजिक संवेदनाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है. निवासियों पर प्रभाव को कम करने के लिए कई कटौतियां और छूटें हैं, जिनमें शामिल है शिक्षा का खर्च स्वास्थ्य सेवाओं की लागत विरासत जकात दान प्राइमरी हाउसिंग टैक्स लागू करने से पहले एक स्टडी की गई है जो बताती है कि ओमान की लगभग 99% आबादी इस टैक्स के अंडर नहीं आएगी सिर्फ 1% लोग ही इसमें शामिल होंगे.

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