Supreme Court: वक्फ मामले में अब सिर्फ पांच रिट याचिकाओं पर होगी सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने बताई वजह

Supreme Court: सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुसार, बहुत जगह पूरे के पूरे गांव पर वक्फ बोर्ड ने दावा कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने जवाब में अदालत को बताएगी कि इस कानून की जरूरत क्यों है.

Supreme Court: सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुसार, बहुत जगह पूरे के पूरे गांव पर वक्फ बोर्ड ने दावा कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने जवाब में अदालत को बताएगी कि इस कानून की जरूरत क्यों है.

Mohit Bakshi & Mohit Saxena
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supreme court on waqf

supreme court on waqf (ani)

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई की और इस पर अंतरिम आदेश भी पारित किया. अंतरिम आदेश के मुताबिक सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आज  से सात दिनों की अवधि के भीतर उत्तर दाखिल करना चाहते है. उन्होंने न्यायालय को आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई की तारीख तक कोई भी राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों  में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी. इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होने वाली है. 

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सरकार बताएगी कि इस कानून की जरूरत क्यों?

उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी राज्य या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार ऐसी कोई नियुक्ति करती है. यह भी कहा गया है कि अगली सुनवाई की तारीख तक कोई भी वक्फ, जिसमें वक्फ बाय यूजर वक्फ भी शामिल है, चाहे वह अधिसूचना के माध्यम से या पंजीकरण के माध्यम से घोषित किया गया हो, न तो अधिसूचित किया जाएगा और न ही उनके चरित्र या स्थिति में कोई बदलाव किया जाएगा. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह है. कई जगहों पर पूरे के पूरे गांव पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है. इस तरह की बातों से प्रभावित लोगों को कानूनी देने के लिए यह संशोधन किया गया. सरकार अपने जवाब में अदालत को यह बताएगी कि इस कानून की जरूरत क्यों है.

इस बयान को ऑन रिकॉर्ड लिया गया. केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 7 दिन का समय दिया. साथ ही केंद्र का जवाब दाखिल होने के बाद अगले 5 दिन कानून की मुखालफत   में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं को जवाब दाखिल करना होगा.

पांच याचिकाओं पर सुनवाई होगी 

1. अरशद मदनी बनाम भारत संघ - मदनी एक इस्लामी विद्वान और दारुल उलूम देवबंद के वर्तमान प्राचार्य हैं.

2. मुहम्मद जमील मर्चेंट बनाम भारत संघ - मर्चेंट एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं.

3. मोहम्मद फजलुर्रहीम एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य - फजलुर्रहीम अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव हैं.

4. शेख नूरुल हसन बनाम भारत संघ एवं अन्य - मणिपुर नेशनल पीपुल्स पार्टी के विधायक

5. असदुद्दीन ओवैसी बनाम भारत संघ - अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा सांसद.

इसके अलावा 3 नोडल काउंसिल भी नियुक्त किए गए है  

1) एजाज़ मकबूल -- याचिकाकर्ताओं

2) विष्णु शंकर जैन -- आवेदक

3) कनु अग्रवाल -- प्रतिवादी(respondents)

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि अगली तारीख पर निर्धारित सुनवाई प्रारंभिक सुनवाई होगी और यदि आवश्यक हुआ तो अंतरिम आदेश पारित किए जाएंगे.

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