'निवेश-निर्यात के साथ-साथ सरकार का जोर गावों पर भी', लोकसभा में बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण

केंद्रीय बजट बहस का जवाब देते लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 10 सालों में विश्व का परिदृश्य पूरा बदल गया है. बजट बनाना अब तो पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है.

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Jalaj Kumar Mishra
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Nirmala Sitharaman (File)

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बजट 2025-2026 पर चर्चा का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विकास आवश्यकताओं को राजकोषीय प्राथमिकताओं के साथ संतुलित करता है. खाद्य पदार्थों की महंगाई कम होती दिखाई दे रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि एमएसएमई, निवेश और निर्यात को बढ़ाने के साथ-साथ सरकार गांव में भी समृद्धि लाने पर फोकस कर रही है.  

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100 जिलों में उत्पादन बढ़ाने पर जोर 

उन्होंने कहा कि गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी ही बजट 2025-2026 का फोकस है. कृषि, एमएसएमई और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं और सुधारों को पेश करना था. उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन के क्षेत्र में सबसे पिछड़े 100 जिलों में उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.

32 करोड़ घरों में एलपीजी कनेक्शन 

सीतारमण ने आगे कहा कि 2014 से पहले 45 प्रतिशत घरों में एलपीजी का कनेक्शन नहीं था. अब करीब 32 करोड़ घरों तक यानी करीब 100 प्रतिशत घरों तक खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन उपलब्ध है. 503 रुपये में 10.3 करोड़ से अधिक लोगों को एलपीजी सिलेंडर मिल रहा है.  

बजट बनाना ज्यादा चुनौतीपूर्ण

उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में दुनिया का परिदृश्य 180 डिग्री बदल गया है. बजट बनाना पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है. आगे उन्होंने कहा कि मैं बहुत आभारी हूं कि सदस्यों ने बजट के विवरण में जाने के लिए चुना. बजट बहुत अनिश्चितताओं के वक्त आया है. उन्होंने बताया कि ऐसे कई वैश्विक मुद्दे हैं, जिनका असर बजट निर्माण पर पड़ा है.

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