झारखंड में सीपीआई (माओवादी) हथियार और गोला-बारूद जब्ती मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक महिला सहित सोलह आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया है। स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के एक संयुक्त अभियान में सीपीआई (माओवादी) कैडरों ने सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसके बाद उस इलाके से भारी संख्या में गोला-बारूद बरामद हुआ था।
जानकारी अनुसार आरोपियों पर पूरक आरोप पत्र शनिवार को दाखिल किया गया। फिलहाल जांच एजेंसी ने इस पूरे मामले में पच्चीस आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
मामले को शुरू में संभाल रही झारखंड पुलिस ने 18 मई, 2021 को नौ आरोपियों के खिलाफ आईपीसी, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, सीएलए अधिनियम और यूए (पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
यह मामला झारखंड के लोहरदगा के पीएस पेशरार से सीपीआई (माओवादी) कैडरों की गिरफ्तारी और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद की जब्ती से संबंधित है। यह मामला पहले 21 फरवरी, 2022 को स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। बाद में इस मामले को 14 जून, 2022 को एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया। एनआईए ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए बुलबुल के जंगली इलाके में कई छापेमारी की थी।
सीपीआई (माओवादी) के क्षेत्रीय कमांडर रवींद्र गंझू, सक्रिय कैडर बलराम ओरांव, मुनेश्वर गंझू, बालक गंझू, दिनेश नगेसिया, अघनु गंझू, लाजिम अंसारी, मरकुश नगेसिया, संजय नगेसिया, शीला खेरवार, ललिता देवी सहित 40-60 अन्य लोग सुरक्षा बलों और बॉक्साइट खदान क्षेत्र में हिंसक हमलों की साजिश रचने और योजना बनाने में शामिल थे।
स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ ने एक संयुक्त अभियान चलाया था, जिसके दौरान बहाबर जंगल के रास्ते हरकट्टा टोली और बंगला पाट में सीपीआई (माओवादी) कैडरों ने सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। गोलीबारी के बादआसपास के इलाके से बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और अन्य सामान बरामद हुए थे।
एनआईए की जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के सशस्त्र कैडरों और सदस्यों ने हिंसक कृत्यों और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने और भारत की सुरक्षा को खतरे में डालने की साजिश रची थी। उनकी योजना आतंकवादी कृत्यों और हिंसात्मक हमलों को अंजाम देकर लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की थी।
जांच ने आगे पता चला कि सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष कमांडरों और सशस्त्र कैडरों ने अगस्त-सितंबर, 2022 के दौरान बूढ़ा पहाड़ में एक आपराधिक साजिश रची थी, और वरिष्ठ सीपीआई (माओवादी) नेता प्रशांत बोस की गिरफ्तारी का बदला लेने का फैसला किया था।
उनका इरादा सुरक्षा बलों और पुलिस के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने का था।
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Source : IANS