मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के आरोप में जाकिर नाइक के NGO इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर 5 साल का बैन बढ़ा दिया गया है. इसके पहले जाकिर नाइक के NGO पर 2016 में सरकार ने प्रतिबंध लगाया था जो 17 नवंबर 2021 को खत्म हो रहा था. लेकिन सरकार ने इसे पहले ही बढ़ा दिया था. अब गृह मंत्रालय ने इसे फिर से 5 साल के लिए बढ़ा दिया है. फाउंडेशन को पहली बार 17 नवंबर 2016 को गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) कानून, 1967 के तहत एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था.
गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जाकिर नाइक अपने भाषणों से देश के धार्मिक सौहार्द्र को बिगाड़ने में लगे थे और इससे देश की सुरक्षा पर भी खतरा है. हालांकि, भड़काऊ भाषण की वजह से कई देशों में बैन किए जाने के बावजूद जाकिर नाइक के कई वीडियो अभी भी इंटरनेट पर मौजूद हैं. साथ ही गूगल ट्रेंड सर्च के नतीजे बता रहे हैं कि यूट्यूब पर जाकिर नाइक को सर्च करने में जम्मू-कश्मीर के लोग सबसे आगे हैं.
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उस दौरान जारी अधिसूचना में कहा था कि आईआरएफ उन गतिविधियों में शामिल है, जो देश की सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं. इसके साथ ही यह संगठन शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकता है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि नाइक द्वारा दिए गए बयान और उसके भाषण आपत्तिजनक हैं. वह अपने भाषणों के जरिए मजहबी समूहों के बीच दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा दे रहा है. नाइक भारत और विदेशों में एक खास मजहब के युवाओं को आतंकवादी कृत्य करने के लिए प्रेरित कर रहा है. इसके अलावा नाइक अंतरराष्ट्रीय सेटेलाइट टीवी नेटवर्क, इंटरनेट, प्रिंट और सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए कट्टरपंथी बयान और भाषण देता है.
केंद्र सरकार का यह भी मानना है कि यदि आईआरएफ की गैर कानूनी गतिविधियों पर तत्काल अंकुश नहीं लगाया गया तो वह अपनी विध्वंसकारी गतिविधियों को जारी रखने और अपने फरार कार्यकर्ताओं को फिर से संगठित करने का काम करेगा. मंत्रालय ने कहा कि नाइक की गतिविधियाँ सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करके देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बाधित करेंगी, राष्ट्र विरोधी भावनाओं का प्रचार करेंगी, अलगाववाद को बढ़ावा देंगी और कुछ लोग ऐसी गतिविधियाँ कर सकते हैं जो संप्रभुता, अखंडता और देश की सुरक्षा के लिए प्रतिकूल हो.
अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार की भी राय है कि आईआरएफ की गतिविधियों के संबंध में इसे तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी घोषित करना आवश्यक है. गृह मंत्रालय ने कहा कि इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यूएपीए के तहत आईआरएफ पर लगाए गए प्रतिबंध को और पाँच साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया गया है.
गौरतलब है कि नाइक फिलहाल मलेशिया में रह रहा है. भारत में जाकिर नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग और कट्टरता को बढ़ाने का आरोप में केस दर्ज है. गिरफ्तारी की डर से वह 2016 में मलेशिया भाग गया. जून 2017 में कोर्ट ने नाइक को अपराधी घोषित किया था. उस पर मलेशिया में अल्पसंख्यक हिंदुओं और चीन के लोगों की भावनाएँ आहत करने का भी आरोप है. मलेशिया में नाइक ने एक भड़काऊ भाषण दिया था. उसने कहा था कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत के मुस्लिमों के मुकाबले 100 गुना ज्यादा अधिकार मिले हैं.