जाकिर नाईक (फाइल फोटो)
विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने एक ओपन लेटर लिखकर अपने NGO इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को बैन करने, वेबसाइट ब्लॉक करने और बैंक के खातों को फ्रीज किये जाने के बाद अपनी सफाई पेश करने की कोशिश की है।
नाइक ने कहा, 'मेरे ऊपर प्रतिबंध लगाने से पहले मेरा पक्ष जानने के लिए कोई नोटिस, समन, फोन या संपर्क नहीं किया गया। मैं मदद करने के लिए हमेशा ही तैयार था।'
No notice,summons,calls,no contact ever made with me to get
my side of the story. I kept offering my help but it wasn’t taken: Zakir Naik— ANI (@ANI_news) November 25, 2016
नाइक ने कहा, 'बिना किसी सवाल-जवाब के मुझपर प्रतिबंध लगा दिया गया, मेरे पास कानून का सहारा लेने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है।'
They've banned me without asking me a single question,Ive no choice left but to answer only through legal system & not personally:Zakir Naik
— ANI (@ANI_news) November 25, 2016
नाइक ने अपने लेटर में लिखा है कि उनके एनजीओ पर बैन मुस्लिमों, शांति, प्रजातंत्र और न्याय पर हमला है। साथ ही जाकिर ने इस प्रतिबंध को नोटबंदी से मीडिया का ध्यान हटाने का तरीका बताया।
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गौरतलब है कि जाकिर नाइक पर आतंकवाद का प्रचार करने वाले अन्तर्राष्ट्रीय चैनल पीस टीवी के साथ संबंध होने का भी आरोप है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आतंकवादी हमले के बाद ये बात सामने आई कि हमला करने वाले कुछ आतंकी कथित तौर पर जाकिर के उपदेशों से प्रेरित थे। उस वक्त जाकिर विदेश में था और विवाद बढ़ने के बाद से अभी तक वह भारत नहीं आया है।
Source : News Nation Bureau
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