सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) के वकील जफरयाब जिलानी (Zafaryab Jilani) ने अयोध्या (Ayodhya) की बाबरी मस्जिद (Babri masjid) को 'अमूल्य' बताते हुए शनिवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फरमान के मुताबिक किसी दूसरी जगह मस्जिद बनाना उन्हें मंजूर नहीं है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में विवादित स्थल हिंदू पक्ष को मंदिर के निर्माण के लिए दे दी है और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में ही कोई और वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया गया है. फैसले पर जिलानी ने कहा, "मस्जिद अनमोल है. पांच एकड़ क्या होता है? 500 एकड़ भी हमें मंजूर नहीं."
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जिलानी ने कहा, "शरिया हमें मस्जिद किसी और को देने की इजाजत नहीं देता, उपहार के तौर पर भी नहीं." उन्होंने कहा कि जमीन स्वीकार करने पर अंतिम निर्णय सुन्नी वक्फ बोर्ड लेगा. जिलानी ने फिर कहा कि बोर्ड सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करता है, लेकिन निर्णय पर असहमति प्रत्येक नागरिक का अधिकार है.
उन्होंने कहा, "हम फैसले का इस्तकबाल करते हैं, लेकिन हम इससे मुतमइन नहीं हैं. फैसला हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं हुआ." उन्होंने कहा कि वह समीक्षा याचिका दायर करेंगे लेकिन अंतिम निर्णय कानूनी टीम के साथ विचार-विमर्श करने के बाद भी लेंगे."
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जिलानी ने आगे कहा, "भारत के प्रधान न्यायाधीश का आज का आदेश देश के कल्याण में लंबे समय तक सक्रिय रहेगा." फैसले पर प्रतिक्रिया पूछने पर मुस्लिम या सुन्नी वक्फ बोर्ड के एक अन्य वकील राजीव धवन टाल गए.
Source : आईएएनएस