जफरयाब जिलानी बोले, बाबरी मस्जिद के मलबे पर अगले सप्ताह होगा फैसला
जफरयाब जिलानी ने बताया कि अभी बाबरी मस्जिद के मलबे के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला पूरी तरह से नहीं लिया गया है हम इस पर मंथन कर रहे हैं.
लखनऊ:
बाबरी मस्जिद का मलबा लेने के लिए मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड सुप्रीम कोर्ट जाएगा या नहीं इस पर अगले सप्ताह फैसला लिया जा सकता है. जफरयाब जिलानी ने बताया कि अभी बाबरी मस्जिद के मलबे के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला पूरी तरह से नहीं लिया गया है हम इस पर मंथन कर रहे हैं. मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के भी तमाम लोगों से अभी इस पर बात चल रही है. अगले सप्ताह हम अपने वकील राजीव धवन से मुलाकात करेंगे और इस बात पर चर्चा करेंगे याचिका कैसे दायर की जा सकती है. फिलहाल अभी याचिका ना तो दायर की गई है और ना ही इसकी तारीख है तय की गई है.
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इससे पहले खबर आ रही थी कि बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी की ओर से नई याचिका दायर करके बाबरी मस्जिद का मलबा और उससे जुड़े हुए तमाम समान की मांग की जाएगी. बताया जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष कुरान की आयतें लिखे हुए पत्थर समेत कई समान है, जो बाबरी मस्जिद के बताए जाते हैं, उनकी सुप्रीम कोर्ट से मांग कर सकता है. इससे पहले बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी व पक्षकार हाजी महबूब ने कहा था कि हम लोग राममंदिर फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका दायर करेंगे.
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बताया जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल करके जो मलवा बाबरी मस्जिद का राम जन्म गर्भगृह में है उसको वापस देने की मांग कर सकता है. इसके साथ ही बाबरी मस्जिद से जुड़े हुए भी अन्य सामान वापस लेने के लिए याचिका दायर होगी. बाबरी मस्जिद के पक्षकारों का मानना है कि विराजमान रामलला के नीचे की मिट्टी मस्जिद का मलवा है. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद का मलबा पाक होता है. शरीयत के मुताबिक मस्जिद की सामग्री किसी दूसरी मस्जिद या भवन में नहीं लगाई जा सकती है और न ही इसका अनादर किया जा सकता है. इसलिए मुस्लिम पक्ष उसे अपने तरीके से डिस्ट्रॉय करेगा. सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले में बाबरी मस्जिद के मलबे को लेकर कोई आदेश नहीं दिया गया था. ऐसे में मस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाकर मलबे के लिए अपील करेगा.
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