बीजेपी के खिलाफ वाईएसआर कांग्रेस ने किया बंद का ऐलान, कहा- विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर किसी को भी दे सकते हैं समर्थन

आंध्र-प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने बंद का ऐलान किया है।

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vineet kumar1
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वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी

आंध्र-प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने बंद का ऐलान किया है।

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वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को कहा कि बीजेपी ने आंध्र के लोगों के साथ जो अन्याय किया है, हम उसके खिलाफ 24 जुलाई को राज्य में बंद का आह्वाहन करते हैं।

रेड्डी ने कहा, 'हम राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी दल को समर्थन देनें को तैयार हैं अगर वो हमारी एकमात्र मांग आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिलाने को तैयार होते है।'

उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।

इससे पहले शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपा) ने भी आंध्र के लिए विशेष दर्जे की मांग की थी।

जिसके बाद खुद पीएम ने इसको लेकर जवाब दिया और कहा संसाधनों का विवाद आज भी चल रहा है। आंध्र और तेलंगाना के विकास में कोई कमी नहीं आएगी। एक माननीय ने कहा था कि स्पेशल कैटिगरी से कहीं ज्यादा अच्छा स्पेशल पैकेज है।

पीएम ने कहा कि एनडीए सरकार आंध्र के लोगों की आशा और आकांक्षाओं का मान रखती है। सरकार 14वीं वित्त आयोग की सिफारिशों से बंधी हुई है। नया स्पेशल असिस्टेंट पैकेज बनाया गया। यह तय किया गया कि आंध्र को उनती वित्तीय सहायता मिले जितनी उसे स्पेशल स्टेटस कैटिगरी से मिलती है। इसे 2016 को लागू किया गया।

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वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव गिर जाने पर निराशा जताई।

उन्होंने कहा कि पूरे आंध्र प्रदेश को इंसाफ का इंतजार था, पर निराशा मिली। उनके पास बहुमत था लेकिन 'नीति' में सेंध की। पीएम के भाषण ने बहुत दुख पहुंचाया।'

गौरतलब है कि शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव रात 11 बजे वोटिंग के बाद गिर गया जिसमें सरकार के पक्ष में 325 वोट तो खिलाफ में 126 वोट पड़े।

आपको बता दें कि लोकसभा में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के केसिनेनी श्रीनिवास पहले सांसद थे, जिन्होंने अविश्वास नोटिस दिया और उनसे इस प्रस्ताव को रखने के लिए कहा।प्रस्ताव को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और माकपा के 50 सांसदों का समर्थन था।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अविश्वास प्रस्ताव नोटिस दिया था। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि उन्हें इस मामले में सभी नोटिस को एक समय में एक साथ लेना चाहिए था।

खड़गे और श्रीनिवास के अलावा कांग्रेस के के.सी. वेणुगोपाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तारिक अनवर, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन.के. प्रेमचंद्रन और टीडीपी के थोटा नरसिम्हन ने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था।

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Source : News Nation Bureau

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