/newsnation/media/post_attachments/images/2020/02/15/owaisi-58.jpg)
asaduddin owaisi( Photo Credit : (फाइल फोटो))
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में 29 जनवरी को भड़काऊ भाषण देने के मामले में गिरफ्तार किए गए डॉक्टर कफील खान को अलीगढ़ कोर्ट से जमानत मिल गई है. लेकिन इसके बाद भी वो अबतक जेल से रिहा नहीं हो पाए हैं क्योंकि योगी सरकार ने अब उनपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई शुरू की है. इसके बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाएं हैं.
ओवैसी ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बार-बार विरोधियों, सताए हुए दलितों और मुस्लिमों के खिलाफ NSA का प्रयोग कर रहे हैं. एक डॉक्टर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कैसे खतरा हो सकता है. एक सीएम जो 'ठोक देंगे' और 'बोली नहीं तो गोली' जैसी भाषा का प्रयोग करते हैं असल में तो वो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं.'
बता दें कि निलंबित डॉक्टर को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 29 जनवरी को मुंबई से गिरफ्तार किया था. कफील वहां सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने गए थे. उन्हें अलीगढ़ में उनके खिलाफ 13 दिसंबर को सिविल लाइंस पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (धार्मिक आधार पर दो समुदायों में वैमनस्यता फैलाने) के तहत मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था. यह मामला एएमयू में उनके भाषण देने के बाद दर्ज किया गया.
एफआईआर के अनुसार, छात्रों को संबोधित करते हुए कफील ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि 'मोटा भाई सबको हिंदू या मुस्लिम बनने के लिए बोल रहे हैं न कि इंसान बनने के लिए. यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है. हमें यह लड़नी है.'
उल्लेखनीय है कि डॉ. कफिल का नाम 2017 में गोरखपुर के एक अस्पताल में हुई तमाम बच्चों की संदिग्ध मौतों के मामले में सुर्खियों में आया था. कफील पर अपने भाषण से शांतिपूर्ण माहौल को भड़काने और सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने का भी आरोप है.
Source : News Nation Bureau