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SC ने पूछा विकास दुबे इतना शातिर था तो कैसे मिली पैरोल, एनकाउंटर पर भी उठाए सवाल

विकास दुबे एनकाउंटर केस में यूपी सरकार न्यायिक कमेटी के पुर्नगठन को तैयार हो गई है. कोर्ट की राय के मुताबिक न्यायिक कमिटी में एक पूर्व SC जज और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को जोड़ा जाएगा.

Updated on: 20 Jul 2020, 02:08 PM

नई दिल्ली:

विकास दुबे एनकाउंटर केस में यूपी सरकार न्यायिक कमेटी के पुर्नगठन को तैयार हो गई है. कोर्ट की राय के मुताबिक न्यायिक कमिटी में एक पूर्व SC जज और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को जोड़ा जाएगा. SG तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि हम एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन तैयार कर कोर्ट को दे देते हैं. बुधवार को आप इसे देख लें. आप इजाज़त देंगे तो उसे जारी कर दिया जाएगा. सुनवाई के दौरान CJI ने ये टिप्पणी भी कि ये पहलू भी देखा जाना चाहिए कि सीएम, डिप्टी सीएम जैसे लोगों ने क्या बयान दिए? क्या वैसा ही पुलिस ने भी किया? याचिकर्ताओं ने एनकाउंटर को लेकर दिए इन बयानों का हवाला देते हुए यूपी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए.

सुनवाई के दौरान SC ने कुछ सवाल भी किए. उन्होंने कहा कि क़ानून का शासन कायम करना राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है. गिरफ्तारी, ट्रायल और फिर अदालत से सज़ा, यही न्यायिक प्रकिया है. ये सुनिश्चित करना राज्य की ज़िम्मेदारी है. क़ानून का शासन हो तो पुलिस कभी हतोत्साहित होंगी ही नहीं. इतने केस लंबित रहने के बावजूद कैसे विकास को ज़मानत मिल गई. आदेश की कॉपी मुहैया कराया जाए. दरअसल याचिकर्ताओ की ओर से पेश वकीलों ने एनकाउंटर को लेकर दिये इन बयानों का हवाला देते हुए यूपी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की थी.