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आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेने वाली सरकार दलित को झूठे केस में फंसाती थी - मुख्यमंत्री

आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेने वाली सरकार दलित को झूठे केस में फंसाती थी - मुख्यमंत्री

Updated on: 27 Oct 2021, 07:35 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परोक्ष रूप से प्रदेश की पिछली सपा सरकार पर एक बार फिर हमला किया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर हमला करने वाले आतंकवादियों और दंगाइयों के ऊपर से मुकदमा वापस लेने वाली सरकार दलितों पर झूठे केस दर्ज कर फंसाती थी। ऐसे लोग दलित समाज के कभी हितैषी नहीं हो सकते हैं। वहीं भाजपा सरकार में आज दलित समाज का कोई बालबांका भी नहीं कर सकता। सरकार बिना किसी भेदभाव के शासन की योजनाओं से समाज के हर व्यक्ति के जीवन में खुशहाली ला रही है। कोरोना कालखंड में हर व्यक्ति का जीवन बचाने का एक मॉडल खड़ा किया गया।

मुख्यमंत्री योगी, बुधवार को महानगर के अलीगंज स्थित पंचायत सभागार में भाजपा के सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। दलित संत बाबा दुर्लभ दास को स्मरण कर श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के समय दो लोग थे, जो दलित समाज की आवाज बने थे। इनमें एक भारत रत्न बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर और दूसरे आजादी के कालखंड में बंगाल में पैदा हुए योगेन्द्र नाथ मंडल थे। विद्वता और सामाजिक आंदोलन में दोनों आगे बढ़ रहे थे। बाबा साहब सदैव देश की एकता, सुरक्षा और अखंडता के पक्षधर थे। उन्होंने कभी पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया। उनका मानना था कि देश में रहते हुए समाज के दबे-कुचलों और वंचितों की लड़ाई लड़ी जा सकती है। उनका हित सुरक्षित रखा जा सकता है। आजाद भारत के वह पहले कानून मंत्री बने। समाज में फैली सामाजिक बुराइयों की विपरीत परिस्थितियों में दलितों और वंचितों के हक की लड़ाई लड़ी। संविधान निर्माण में उनकी अग्रणी भूमिका थी। आज देश उन्हें आदर और सम्मान के साथ याद करता है।

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