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कोरोना संक्रमण के बचाव में योग साबित हो रही है मददगार

अनुलोम विलोम से भी मजबूत होती है इम्युनिटी और सामान्य रूप से होने वाली सर्दी खांसी और जुकाम तक नहीं होती है. अनुलोम विलोम को करने से श्वसन क्रिया बेहतर हो जाती है.

Updated on: 07 Nov 2020, 09:55 PM

दिल्ली :

कोरोना काल में जहां कोई मरीजों को अच्छा इलाज देकर, तो कोई भोजन मास्क और सैनिटाइज़र बाटकर सुर्खियां बटोर रहा है तो वहीं योग प्रशिक्षिका अंजली शर्मा कोरोना से संक्रमित लोगों और संक्रमण से बचने के लिए विशेष योगाभ्यास का प्रशिक्षण देकर चर्चे में  हैं. देहरादून निवासी अंजली शर्मा दिल्ली में रहकर योग प्रशिक्षण का कार्य कर रही हैं. उनका कहना है कि अगर आदमी नियमित योग करता है और स्वास्थ्य लाइफ स्टाइल बनाये रखे तो कोरोना जैसी बीमारी के खतरे को समाप्त किया जा सकता है. 

योग प्रशिक्षिका अंजली का कहना है कि भ्रस्त्रिका, कपाल भांति और अनुलोम विलोम कोरोना से लड़ने में काफ़ी महत्वपूर्ण होता है. ​कपालभाति करने की प्रक्रिया में सांस छोड़ते हैं और लेते हैं. रोजाना करीब 5-8 मिनट तक इस प्रणायाम को करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी और किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचे रहेंगे.  जिनको रक्तचाप की समस्या है वो सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को धीमी गति से करें.

अनुलोम विलोम से भी मजबूत होती है इम्युनिटी और सामान्य रूप से होने वाली सर्दी खांसी और जुकाम तक नहीं होती है. अनुलोम विलोम को करने से श्वसन क्रिया बेहतर हो जाती है. अनुलोम विलोम से कभी भी किसी को कोई नुकसान नहीं होता है इसे करने से हर बीमारी में लाभ होता है इसी वजह से इसे महाप्रणायम भी कहते हैं. 

​भस्त्रिका प्राणायाम भी कोरोना से बचने का मज़बूत हथियार है. भस्त्रिका प्रणायाम को करने से शरीर की कोशिकाएं स्वस्थ बनी रहती हैं साथ ही साथ  श्वसन क्रिया से जुड़ी बीमारी भी नहीं होगी. साथ ही साथ आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होगी. इसके कारण आप कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे रहेंगे और संक्रमण हो ज्ञान है तो भी उससे निजात मिलेगी.

कपालभाति भी मददगार साबित हो सकता है कोरोना संक्रमण के बचाव में. इस प्राणायाम को करने की प्रक्रिया में सांस लेते हैं और छोड़ते हैं. रोजाना करीब पांच मिनट तक इस प्रणायाम को करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी और आप किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचे रहेंगे.