प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को अपने उत्पादों को शहरों में भेजने के लिए ऑनलाइन कंपनियों के साथ सहयोग करने का सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, स्वयं सहायता समूहों के पास विकल्प है कि वे सीधे खेत से उपज बेचें या खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करके और अच्छी पैकेजिंग के साथ बेचें।
उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत पदोन्नत महिला एसएचजी सदस्यों और सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों के साथ बातचीत के दौरान सुझाव दिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि ऑनलाइन कंपनियों के साथ सहयोग करके, एसएचजी आसानी से अपने उत्पादों को बड़ी पैकेजिंग में शहरों में भेज सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से ऑनलाइन सरकारी ई-मार्केटप्लेस का लाभ उठाने का भी अनुरोध किया।
कृषि कानूनों से एसएचजी को कैसे मदद मिलेगी, इस बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि न केवल हमारे किसानों को नए कृषि सुधारों से लाभ होगा, बल्कि एसएचजी के लिए असीम संभावनाएं भी पैदा की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि एसएचजी अब सीधे किसानों से खरीद सकते हैं और दाल जैसी उपज की होम डिलीवरी भी की जा सकती है।
उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से एकल उपयोग प्लास्टिक के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके विकल्प के लिए काम करने का भी आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी बहनों को घर, शौचालय, बिजली, पानी और गैस जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। सरकार बहनों-बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और अन्य जरूरतों पर पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ महिलाओं का मान बढ़ा है, बल्कि बेटियों-बहनों का भी आत्मविश्वास बढ़ा है।
उन्होंने स्वयं सहायता समूह से राष्ट्र निर्माण के अपने प्रयासों को अमृत महोत्सव से भी जोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि 8 करोड़ से अधिक बहनों-बेटियों की सामूहिक शक्ति से अमृत महोत्सव को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा।
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Source : IANS