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यस बैंक घोटाले में 7 आरोपियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी

CBI ने यस बैंक घोटाला (Yes bank) मामले में नामजद सात लोगों के खिलाफ सोमवार को लुक आउट सर्कुलर (look Out Notice) जारी किया जिनमें बैंक के संस्थापक राणा कपूर (Rana Kapoor) और उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं.

Updated on: 10 Mar 2020, 07:23 AM

highlights

  • यस बैंक घोटाले में नामजद सात लोगों के खिलाफ सोमवार को लुक आउट सर्कुलर जारी.
  • सीबीआई ने डीएचएफएल (DHFL) के अल्पावधि ऋणपत्रों की जांच शुरू कर दी है.
  • कंपनी को 40 करोड़ रुपये की कोलैटरल प्रतिभूति के बदले 600 करोड़ रुपये का ऋण.

नई दिल्ली:

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने यस बैंक घोटाला (Yes Bank) मामले में नामजद सात लोगों के खिलाफ सोमवार को लुक आउट सर्कुलर (look Out Notice) जारी किया जिनमें बैंक के संस्थापक राणा कपूर (Rana Kapoor) और उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं. सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि एजेंसी ने सात लोगों के खिलाफ एलओसी जारी किया है ताकि वे देश छोड़कर भागने की कोशिश न कर पाएं. सीबीआई ने डीएचएफएल (DHFL) के अल्पावधि ऋणपत्रों की जांच शुरू कर दी है जिसमें यस बैंक ने अप्रैल-जून 2018 के दौरान 3,700 करोड़ रुपये निवेश किया था.

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ईडी और सीबीआई दोनों हैं सक्रिय
गौरतलब है कि यह जांच एजेंसी द्वारा की जा रही दूसरी जांच का हिस्सा है जिसमें यस बैंक ने डीएचएफएल से ऋणपत्रों की खरीद की थी जिसके एवज में कंपनी को कुल 600 करोड़ रुपये के कर्ज की गारंटी दी गई थी जिसके बदले जमानत सिर्फ 40 करोड़ रुपये के करीब दी गई थी. ऋण की यह राशि बाद में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बन गई. आरोप है कि डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन ने इतनी ही राशि कर्ज के रूप में डूइट अर्बन वेंचर्स कंपनी को दी थी जो राणा कपूर के बेटियां-राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर के स्वामित्व वाली कंपनी है. कथिततौर पर यह 600 करोड़ रुपये की यह राशि कपूर परिवार को रिश्वत के रूप में दी गई थी. यह भी आरोप हे कि यस बैंक ने डीएचएफएल को दिए गए कर्ज की वसूली के लिए कोई कार्रवाई नहीं की.

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मुंबई में 7 ठिकानों पर सीबीआई के छापे
इससे पहले सोमवार को सीबीआई ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में सात ठिकानों की तलाशी ली. सीबीआई ने किन ठिकानों की तलाशी ली, उनके बारे में सटीक जानकारी अब तक नहीं मिली है, लेकिन एजेंसी सूत्रों पुष्टि की है कि ये सभी ठिकाने एफआईआर में दर्ज अभियुक्तों से संबंधित हैं. सीबीआई का यह कदम प्रवर्तन निदेशालय द्वारा रविवार को कपूर की गिरफ्तारी के बाद आया है, जिसमें ईडी ने डीएचएफएल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कपूर से 30 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी.

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राणा कपूर को तीन दिन की हिरासत
बाद में उन्हें मुंबई की एक अदालत ने तीन दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया. सीबीआई ने रविवार को यस बैंक के पूर्व प्रबंध निदेश और सीईओ, डीएचएफएल और वधावन के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. एजेंसी ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर में डूइट अर्बन वेंचर लिमिटेड का नाम भी लिया है. प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि कपूर ने डीएचएफएल के जरिए अन्य कंपनियों के माध्यम से अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए वित्तीय सहायता लेकर 'पर्याप्त अनुचित लाभ' प्राप्त किया है.

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डीएचएफएल डिबेंचर की जांच शुरू
इस मामले को सीबीआई की बीएस एंड एफसी की विशेष इकाई देख रही है, जो कि देश भर में बैंक धोखाधड़ी के मामलों को देखती है. सीबीआई ने डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर की जांच शुरू कर दी है, जिसके लिए यस बैंक ने अप्रैल से जून 2018 तक 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था. यह जांच यस बैंक की डीएचएफएल से डिबेंचर की खरीद से संबंधित एक और जांच का हिस्सा है, जिसके खिलाफ कंपनी को 40 करोड़ रुपये की कोलैटरल प्रतिभूति के बदले 600 करोड़ रुपये के ऋण की अनुमति दी गई थी.