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यस बैंक संकट को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा- सही मायने में हिंदू खतरे में हैं, जानें क्यों कहा उन्होंने ये बात

नकदी का संकट झेल रहे यस बैंक (Yes Bank) समेत कुछ निजी क्षेत्र के बैंकों के संकट पर कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के नेतृत्व में सही मायने में हिंदू खतरे में हैं.

Updated on: 07 Mar 2020, 05:42 PM

मुंबई:

नकदी का संकट झेल रहे यस बैंक (Yes Bank) समेत कुछ निजी क्षेत्र के बैंकों के संकट पर कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के नेतृत्व में सही मायने में हिंदू खतरे में हैं. उन्होंने दावा किया कि परेशानी में घिरे अधिकतर खाताधारक बहुसंख्यक समुदाय से हैं. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत (Congress spokesperson Sachin Sawant) ने दावा किया कि ओडिशा के भगवान जगन्नाथ मंदिर की 545 करोड़ रुपये की निधि संकटग्रस्त यस बैंक में जमा है.

इसके साथ ही कहा, 'केंद्र की निगरानी में भगवान तक भी खतरे में हैं.' आरबीआई  (RBI) ने यस बैंक (Yes Bank) के ऋण देने पर बृहस्पतिवार को एक माह की रोक लगा दी थी और निकासी की सीमा 50,000 रुपये तक सीमित कर दी थी. सावंत ने कहा, 'बीजेपी और उसके संबद्ध संगठन ध्रुवीकरण की तुच्छ राजनीति के लिए ‘हिंदुओं के खतरे में होने’ की बात करते हैं लेकिन मोदी सरकार की निगरानी में सही मायने में हिंदू खतरे में हैं.’

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 पैसा बहुसंख्यक हिंदुओं का है जो कि अब सुरक्षित नहीं है

उन्होंने कहा, ‘बैंकों में ज्यादातर पैसा बहुसंख्यक हिंदुओं का है जो कि अब सुरक्षित नहीं है. कई परिवार बर्बाद हो गए. इसके लिए केवल मोदी सरकार जिम्मेदार है.' सावंत ने पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक घोटाले का भी संदर्भ दिया.

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उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की अपना पैसा अटक जाने की चिंता में मौत भी हो गई. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों ने बहुसंख्यक हिंदुओं का पैसा लूटा.

 महाराष्ट्र के करीब 109 बैंक संकट में हैं क्योंकि उनका पैसा यस बैंक में फंस गया 

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के करीब 109 बैंक संकट में हैं क्योंकि उनका पैसा यस बैंक में फंस गया है। आरबीआई की रोक से एक दिन पहले यस बैंक से वडोदरा स्मार्ट सिटी विकास कंपनी द्वारा 256 करोड़ रुपये निकाले जाने की तरफ इशारा करते हुए सावंत ने कहा कि यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह केवल गुजरात के बारे में चिंतित हैं, देश को लेकर नहीं.