2016 में ISRO पहुंचा 5 बड़े देशों के क्रायोजेनिक इंजन क्लब में, 22 विदेशी सैटेलाइट स्पेस भेजा, 2017 का मिशन -83 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च करना
साल 2016 भारत के लिये घटनाओं भरा रहा तो भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने कई झंडे गाड़े।
नई दिल्ली:
साल 2016 भारत के लिये घटनाओं भरा रहा तो भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने कई झंडे गाड़े। इसरो ने रॉकेट तकनीकी के क्षेत्र में काफी प्रगति की और देश को अमेरिका, रूस, जापान जैसे देशों की बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया है।
इस साल इसरो ने 34 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है और इनमें से सिर्फ एक उपग्रह को फ्रांस की एरियानेस्पेस ने अंतरिक्ष में भेजा है। सबसे बड़ी बात ये रही कि 33 उपग्रहों में से 22 उपग्रह ऐसे थे जो दूसरे देशों के थे।
इसके अलावा विकसित किये जा रहे GSLVMk-II रॉकेट का सफल परीक्षण भी किया। इस रॉकेट में देश में विकसित किये गए क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया है।
आइये जानते हैं साल 2016 में इसरो की उपलब्धियों के बारे में:
-इसरो ने इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम के तहत जनवरी से अप्रैल के बीच 5वां, 6ठा, और सातवां सैटेलाइट अंतरिक्ष में स्थापित किया। इससे भारत के पास अपना जीपीएस और नोविगेशन सिस्टम तैयार कर लिया है। इससे पहले अमेरिका से सहायता लेनी पड़ती थी।
- मई महीने में अंतरिक्ष में सैटेलाइट लॉन्च करने के लिये इसरो ने स्पेस शटल का प्रयोग किया जिसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सके। इसे RLV यानि रियूज़ेबल लॉन्च वीकल नाम दिया गया है।
- जून में इसरो ने एक साथ 20 सैटेलाइट लॉन्च किया। जिसमें से भारत का कार्टोसैट-2 भी था। इसे PSLV-C34 से पृश्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। PSLV भारत का सबसे भरोसेमंद लॉन्चिंग रॉकेट है।
- इसरो ने सितंबर में मौसम की जानकारी लेने के लिये INSAT-3DR लॉन्च किया।
- दिसंबर में भारत ने एक रिमोट सेंसिंग डेटा सैटेलाइट रिसोर्ससैट लॉन्च किया
अब जनवरी 2017 में इसरो एक साथ 83 सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी में है। जो एक विश्व रेकॉर्ड होगा। ऐसा माना जा रहा है कि 2014 में मंगल की कक्षा में रखे स्थापित किये गए मंगलयान के बाद इसरो का ये सबसे बड़ा अभियान होगा। मंगलयान इसरो का एक महत्वाकांक्षी आभियान था जिसमें भारत को पहली ही कोशिश में सफलता मिली।
2017 के शुरुआती तीन महीने में इसरो तीन अभियान की तैयारी में जुटा हुआ है।
अभी तक सबसे ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च करने का रेकॉर्ड रूस के पास है, जिसने 2014 में एक साथ 37 सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया था।
दूसरे नंबर पर अमेरिका है जिसने 2013 में एक साथ 29 सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया था।
इसरो के अभियान की सफलता पर विश्व सैटेलाइट इंडस्ट्री में आने वाले समय में भारत की साख बढ़ेगी और उसे दूसरे देशों के सैटेलाइट लॉन्च करने का ऑर्डर भी मिलेगा।
2015 के आंकड़ों के अनुसार इस समय विश्व में सैटेलाइट लॉन्चिंग का व्यापार 208 बिलियन डॉलर का है।
भारत के पास इस समय 500 करोड़ के सैटेलाइट लॉन्च करने का ऑर्डर है, जिसके बढ़कर इससे दोगुनी होने की उम्मीद जताई जा रही है। सबसे बड़ी बात ये है कि दूरे देशों की अपेक्षा भारत में सैटेलाइट लॉन्च करना काफी सस्ता पड़ता है।
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