World Water Day: विश्व जल दिवस पर क्लोरीन डिसइंफेक्शन अभियान शुरू
यूनीसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल 3,80,000 बच्चों की डायरिया और इससे जुड़ी दिक्कतों के कारण मौत हो जाती है. शहरी भारत में 80 प्रतिशत बीमारियों की वजह सफाई की कमी और संक्रमित जल है.
नई दिल्ली:
क्लोरीन के जरिये जल को संक्रमणमुक्त करने और पानी से होने वाली बीमारियों के रोकथाम के लिए कास्टिक सोडा, सोडा एश और क्लोरोविनाइल का उत्पादन करने वाली कंपनियों की अहम संस्था एल्कली मैन्यूफैक्च र्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएमएआई) ने विश्व जल दिवस (22 मार्च) के मौके पर क्लोरीन डिसइंफेक्शन जागरूकता अभियान शुरू किया है. पानी के संक्रमण को खत्म करने के लिए क्लोरीन का इस्तेमाल सुरक्षित व प्रभावी है और यह भारत में आसानी से उपलब्ध भी है.
एएमएआई के प्रेसीडेंट जयंतीभाई पटेल ने कहा, 'सुरक्षित पीने के पानी की पहुंच लोगों तक सुनिश्चित करने के लिए एएमएआई प्रतिबद्ध है. एएमएआई के सदस्यों ने न केवल क्लोरीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में अभियान चलाया है, बल्कि पानी और वेस्टवाटर ट्रीटमेंट से जुड़े लोगों को क्लोरीन के सुरक्षित प्रयोग के बारे में निशुल्क प्रशिक्षित भी कर रहे हैं.'
ये भी पढ़ें: कैसे रखें गर्मियों में अपना ख्याल, इन फल और सब्जियां से खुद को रखें तंदुरुस्त
उन्होंने बताया कि क्लोरीन और कास्टिक सोडा एल्कली उद्योग के उप-उत्पाद हैं और एएमएआई ने स्वयं अपने स्तर पर क्लोरीन के सुरक्षित प्रयोग को लेकर जागरूकता फैलाने का अभियान चलाया है. वेस्टवाटर ट्रीटमेंट को लेकर चलाया जा रहा एएमएआई का अभियान स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्यों का समर्थन भी करता है.
हाल ही में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने कहा था कि भारत के शहरों से निकलने वाला सीवेज का 60 फीसदी से ज्यादा पानी बिना शोधित हुए सीधे नदी आदि जलस्रोतों में मिल जाता है और इसे मनुष्यों के प्रयोग के लिहाज से असुरक्षित बना देता है. एनजीटी ने यह भी कहा था कि पर्यावरण में आ रही गिरावट से लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है और इस दिशा में तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.
यूनीसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल 3,80,000 बच्चों की डायरिया और इससे जुड़ी दिक्कतों के कारण मौत हो जाती है. शहरी भारत में 80 प्रतिशत बीमारियों की वजह सफाई की कमी और संक्रमित जल है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत की सबसे बड़ी वजहों में डायरिया शुमार है.
और पढ़ें: डायबिटीज मरीजों में 58 फीसदी मौतों का कारण दिल संबंधी रोग
एएमएआई द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार करीब 3.77 करोड़ भारतीय सालाना पानी से होने वाली बीमारियों का शिकार हो जाते हैं और इस तरह की बीमारियों के कारण 7 करोड़ कार्यदिवसों का नुकसान होता है. इस कारण से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला दबाव अनुमानित 60 करोड़ डॉलर सालाना का है.
एएमएआई ने कहा कि बैक्टीरिया, वायरस और प्रोटोजोआ जीवाणुओं को प्रभावी तरीके से खत्म करने के लिए इस तरह से डिसइंफेक्शन की जरूरत होती है, जो इन्हें रासायनिक व भौतिक दोनों तरीके से खत्म कर दे; इस दिशा में क्लोरीन एक प्रभावी माध्यम है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य