विश्व ने भारत को 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में देखा : राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कोविड महामारी के बारे में कहा कि वर्ष 2020 कोविड-19 से उत्पन्न वैश्विक संकट का वर्ष रहा है, मगर साथ ही महामारी ने भारत को 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में एक नई पहचान भी दी है.
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कोविड महामारी के बारे में कहा कि वर्ष 2020 कोविड-19 से उत्पन्न वैश्विक संकट का वर्ष रहा है, मगर साथ ही महामारी ने भारत को 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में एक नई पहचान भी दी है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शनिवार को 16वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही.
राष्ट्रपति ने कहा, महामारी से उत्पन्न भारी चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक प्रत्युत्तर विकसित करने में भारत सबसे आगे रहा है. हमने लगभग 150 देशों में दवाओं की आपूर्ति की, जिससे विश्व ने भारत को 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में देखा.
उन्होंने कहा, कोविड के दो टीकों (वैक्सीन) के विकास में हमारे वैज्ञानिकों और तकनीशियनों की हाल की सफलता आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो वैश्विक कल्याण की भावना से प्रेरित है.
राष्ट्रपति ने आगे कहा, एक आत्मनिर्भर भारत के बीज कई वर्ष पूर्व महात्मा गांधी की स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की अपील द्वारा बोए गए थे. आत्मनिर्भर भारत के हमारे दृष्टिकोण के पांच प्रमुख स्तम्भ हैं-अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और आपूर्ति श्रृंखला. इन सभी कारकों का सफल समेकन त्वरित प्रगति और विकास अर्जित करने में मदद करेगा.
राष्ट्रपति ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' के विचार का अर्थ स्व-केंद्रित व्यवस्था की इच्छा रखना या देश को भीतर की ओर मोड़ना नहीं है. इसका अर्थ आत्मविश्वास से उत्पन्न स्व-प्रचुरता अर्जित करना है. हम वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ाने द्वारा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के व्यवधानों को कम करने की दिशा में योगदान देना चाहते हैं. आत्मनिर्भर भारत अभियान अधिक सहयोग और शांति को बढ़ावा देने के जरिए विश्व व्यवस्था को अधिक न्यायपूर्ण और निष्पक्ष बनाएगा.
उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक आकांक्षाओं की प्राप्ति में हमारे प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका है.
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा, हमारे प्रवासी विश्व के समक्ष हमारा चेहरा हैं और वैश्विक मंच पर भारत के हितों के हिमायती हैं. वे हमेशा भारत की सहायता के लिए आगे आते हैं, चाहे वह भारत के लिए चिंता के अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के संबंध में पक्ष लेना हो या निवेशों और प्रेषणों के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान करना हो.
राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 1915 में आज ही के दिन सबसे महान प्रवासी भारतीय महात्मा गांधी भारत लौटे थे. उन्होंने हमारे सामाजिक सुधारों और स्वतंत्रता आंदोलन को बहुत व्यापक आधार दिया और अगले तीन दशकों के दौरान उन्होंने भारत को कई मूलभूत तरीकों से बदल दिया.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी