राजस्थान के उदयपुर में शुक्रवार को विश्व संगीत महोत्सव के दूसरे संस्करण का आगाज हो गया है, जो 12 फरवरी तक चलेगा। इसमें आने वालों के प्रवेश पर निशुल्क का प्रबंध किया गया है। महोत्सव का पहला दिन सूफी संगीत के नाम रहा। सूफी गायकी के लिए मशहूर कैलाश खेर ने अपनी जबर्दस्त प्रस्तुति से उदयपुर की फिजा को संगीतमय बना दिया।
शहर के गांधी ग्राउंड में मोजाम्बिक, नार्वे, स्वीडन और जिम्बाब्वे के कलाकारों के बैंड मोनास्वीजि के मदमस्त संगीत ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस बैंड के कलाकारों ने तबला, हारमोनियम, सैक्सोफोन, गिटार और जिम्बाब्वे के पारंपरिक वाद्य यंत्र लूला से बेहतरीन प्रस्तुति दी। इस बैंड की एकमात्र महिला कलाकार तूसा की गायकी ने भीड़ को मंत्रमुग्ध कर दिया। बैंड ने पारंपरिक अफ्रीकी गीतों और संगीत के साथ जिम्बाब्वे-स्वीडन के संगीत की जुगलबंदी भी पेश की।
इस संगीत महोत्सव के पहले दिन ईरानी मूल की अमेरिकी गायिका आजम अली ने ईरानी संगीत को भारतीय कलेवर में पेश किया। उन्होंने कैफी आजमी की शायरी को बिल्कुल अलग और नए अंदाज में पेश किया। उनके बैंड निजाम में एक तबला वादक, बांसुरी बजाने वाला और सितार वादक ने भी बखूबी साथ दिया।
आजम अली ने इलेक्ट्रो सूफी संगीत की इस खास विधा को श्रोताओं से रूबरू कराया। आजम अली ने मंच से हिंदी में लोगों को संबोधित कर चौंका दिया। उन्होंने कहा कि उनके बचपन के 11 साल पंचगनी में बीते हैं और उन्हें भारत में बार-बार आना अच्छा लगता है।
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पहले दिन की आखिरी प्रस्तुति कैलाश खेर के नाम रही। कैलाश जब अपने बैंड कैलासा के साथ मंच पर पहुंचे तो पूरा मैदान कैलासा-कैलासा के नारों से गूंज उठा। कैलाश ने अपने चिर-परिचित अंदाज में सूफी गानों से माहौल मस्तमौला कर दिया। उनके हो गई दीवानी, रंग दी नी जैसे गानों की गूंज से मैदान गूंज उठा। भारी संख्या में लोगों के उमड़ने की वजह से पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
इस तीन दिवसीय विश्व संगीत महोत्सव में भारत सहित ब्रिटेन, इटली, दक्षिण अफ्रीका, सेनेगल, कनाडा, आर्मेनिया, तुर्की, मैकेडोनिया, मोजाम्बिक, नॉर्वे, ईरान, क्यूबा और स्विट्जरलैंड सहित कुल 16 देशों के 150 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं।
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संगीत महोत्सव का शुभारंभ राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब सिंह कटियार ने किया। उन्होंने इस मौके पर कहा, उदयपुर में इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की असली वजह पर्यटन को बढ़ावा देना है। इस महोत्सव के जरिए दुनियाभर की बेहतरीन प्रतिभाओं को अपना हुनर दिखाने का मौका मिलता है। इस धरती का इतिहास बहुत अद्भुत रहा है और अब उदयपुर पर्यटन की दृष्टि से विश्व के अग्रणी शहरों में से एक होने जा रहा है।
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Source : IANS