राजधानी दिल्ली के लिए खतरे का संकेत है गाजीपुर में 'कचरा पहाड़' का बढ़ना, कुतुब मीनार से भी हो जाएगा ऊंचा

राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां प्रदूषण का स्तर लगातार खराब होता जा रहा है, वहीं यहां के गाजीपुर स्थित कचरे का पहाड़ भी तेजी से बढ़ रहा है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले सालों में ये कचरे का ढेर कुतुब मीनार की ऊंचाई को भी पछाड़ देगा.

राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां प्रदूषण का स्तर लगातार खराब होता जा रहा है, वहीं यहां के गाजीपुर स्थित कचरे का पहाड़ भी तेजी से बढ़ रहा है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले सालों में ये कचरे का ढेर कुतुब मीनार की ऊंचाई को भी पछाड़ देगा.

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Vineeta Mandal
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राजधानी दिल्ली के लिए खतरे का संकेत है गाजीपुर में 'कचरा पहाड़' का बढ़ना, कुतुब मीनार से भी हो जाएगा ऊंचा

दिनों-दिन तेजी से बढ़ रहा है गाजीपुर का 'कूड़ा पहाड़'

'विश्व पर्यावरण' दिवस के मौके पर हमने तमाम लेख, भाषण, और खबर सुने और पढ़ें होंगे लेकिन दिन बीतने के साथ ही हम इसकी अनदेखी करने लगते. पर्यावरण की स्थिति दिनों-दिन इतनी बदत्तर होती जा रही है इसलिए इसका चिंतन मात्र एक दिन तक सीमित नहीं रहना चाहिए. राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां प्रदूषण का स्तर लगातार खराब होता जा रहा है, वहीं यहां के गाजीपुर स्थित कचरे का पहाड़ भी तेजी से बढ़ रहा है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले सालों में ये कचरे का ढेर कुतुब मीनार की ऊंचाई को भी पछाड़ देगा. मालूम हो कि कुतुब मीनार की ऊंचाई भी 73 मीटर है.

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बता दें कि गाजीपुर के इस कचरे के पहाड़ की ऊंचाई करीब 65 मीटर यानी 213 फीट है, जो हर साल 10 मीटर की तेजी से बढ़ रहा है. कचरे का ये पहाड़ अब मवेशियों और कई तरह के जानवारों का आशियाना बना हुआ है. यहां के आस-पास की हवा पूरी तरह जहरीली हो चुकी है साथ ही कचरे से आने वाली बदबू ने लोगों सहित हाईवे पर जाने वाली गाड़ियों का गुजरना भी मुश्किल कर दिया है.

गौरतलब है कि गाजीपुर में बने इस कचरा संग्रहण केंद्र का निर्माण साल 1984 में हुआ था. इसकी क्षमता 2002 में ही पूरी हो गई थी, जिसके बाद इसे बंद कर देना चाहिए था. लेकिन इसका समय खत्म और क्षमता खत्म होने के बाद भी कचरा फेंकना जारी है. जानकारी के मुताबिक हर दिन यहां 2 टन कचरा डाला जाता है. 

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पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने इसके ऊपर रेड सिग्नल लगाने के आदेश दिए थे ताकि रात में इसके ऊपर से गुजरने वाले हवाई जहाज न टकरा जाएं. पर्यावरणविदों के मुताबिक कचरे का यह पहाड़ वहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर सीधा असर डाल रहा है. 

साल 2013 से 2017 के बीच सरकार ने इसे लेकर एक सर्वेक्षण भी करवाया था, जिसमें डरा देने वाला खुलासा हुआ था. इस सर्वेक्षण के मुताबिक दिल्ली में करीब 1000 लोगों को मौत हवा में फैल रहे इंफेक्शन के कारण से होती है, जबकि 10 लाख लोग इसके संक्रमण के शिकार हुए.

Source : News Nation Bureau

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