आज विश्व पर्यावरण दिवस में जानिए भारत की भूमिका, इतिहास और महत्व

पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए मनाये जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने 5 जून 1972 में की थी।

पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए मनाये जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने 5 जून 1972 में की थी।

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Aditi Singh
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आज विश्व पर्यावरण दिवस में  जानिए भारत की भूमिका, इतिहास और महत्व

पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए मनाये जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने 5 जून 1972 में की थी। लेकिन पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1974 को मनाया गया था। इस साल 44वां विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस बार के विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी भारत करेगा।

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पहला पर्यावरण सम्मेलन स्वीडन में हुआ था जिसमें करीब 119 देशों ने हिस्सा लिया था। इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की शुरुआत हुई थी। तभी से प्रति वर्ष यह दिवस 100 से अधिक देशों में मनाया जाने लगा।

पहले सम्मेलन में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 'पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति और उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव' पर भाषण दिया था।

उद्देश्य
मानव और पर्यावरण एक दूसरे के पूरक होते है। आधुनिक युग में पर्यावरण को हानि पहुँचाने में औद्योगीकरण तथा जीवनशैली को जिम्मेदार माना जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य मानव और पर्यावरण के बीच के संतुलन को बनाए रखना ही होता है। भारत 

थीम
इस साल पर्यावरण दिवस की थीम 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन' रखा गया है। यानि प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कैसे खत्म किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण प्रमुख एरिक सोलहेम ने प्लास्टिक से फैलने वाले प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा है और सभी देशों को पानी और पर्यावरण में मिलने वाले प्लास्टिक के कचरे से निपटने के लिए बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन अपनाने की जरूरत है।

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Source : News Nation Bureau

World Environment Day
      
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