भारतीय सेना में शामिल महिला जवानों को भी जल्द ही सीमा पर दुश्मनों से मुकाबला करने का मौका मिलेगा। भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा, 'जल्द ही महिला जवानों को भी सेना में लड़ाकू मोर्चे पर मौका दिया जाएगा।'
जनरल रावत ने बताया कि इसकी शुरूआत महिला जवानों को मिलिट्री पुलिस में शामिल करके किया जाएगा। हालांकि अभी तक विश्व के कुछ चुनिंदा देश में ही आर्मी में शामिल महिला जवान सीधे युद्ध में हिस्सा लेती हैं।
जनरल विपिन रावत ने कहा, 'मैं महिलाओं को जवान के रूप में देखना चाहता हूं और सबसे पहले महिलाओं को मिलिट्री पुलिस में भूमिका दी जाएगी। मिलिट्री पुलिस सेना की ही एक विंग होती है जो वहां पर प्रशासन और सैन्य ठिकाने की सुरक्षा देखती है। सैनिकों को नियम कायदों को तोड़ने से रोकना, सैन्यू मूवमेंट, युद्ध बंदियों को संभालना भी उन्हीं की जिम्मेदारी होती है।
भारतीय सेना में अभी महिलाओं को मेडिकल, एजुकेशनल, कानूनी, सिग्नल और इंजीनियरिंग विंग्स में ही जगह दी जाती है। व्यवहारिक दिक्कतों की वजह से इन्हे सेना में कॉम्बैट रोल नहीं दिया जाता है। हालांकि सेना प्रमुख ने कहा कि कॉम्बैट ऑपरेशन में शामिल होने के लिए महिलाओं को अपनी मजबूती और दृढ इच्छा शक्ति भी दिखानी पड़ेगी।
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जर्मनी, अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, डेनमार्क, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों में सेना में शामिल महिलाएं कॉम्बैट भूमिका निभा रही है। सेना प्रमुख ने रक्षा के क्षेत्र में निजी कंपनियों के शामिल होने के सरकार के फैसले पर भी खुशी जताई। उन्होंने कहा सैन्य बलों को आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना बेहद अहम और बड़ा कदम है।
पिछले साल ही भारतीय वायुसेना में तीन महिलाओं को फाइटर पायलट बनाया गया है जो अब सीधे युद्ध में हिस्सा लेंगी।
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Source : News Nation Bureau