Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है. सदन की कार्यवाही आज नए संसद भवन में चलेगी. खास बात यह है कि संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के बीच मोदी कैबिनेट से महिला आरक्षण बिल का हरी झंडी मिल गई है. सरकार जल्द ही इस बिल को लोकसभा में पेश कर सकती है. ऐसे में महिला आरक्षण बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह हमारा है, अपना है.
महिला आरक्षण बिल पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि कैबिनेट बैठक में कोई ब्रीफिंग नहीं हुई...महिला आरक्षण बिल को लेकर अगर सरकार की नीयत साफ है तो हम इसमें और स्पष्टता चाहते हैं. लालू यादव के समय से हमारी पार्टी का मानना है कि अगर आपका विचार प्रतिनिधित्व बढ़ाने का है तो यह तब तक संभव नहीं है जब तक आप एससी, एसटी और ओबीसी की महिलाओं के लिए कोटा नहीं देते. कोटे के भीतर एक कोटा होना जरूरी है. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो हमें सामाजिक न्याय पर लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी.
महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम चाहते हैं कि महिला आरक्षण बिल जल्द से जल्द लाया जाए और पारित किया जाए. महिला आरक्षण बिल की शुरुआत यूपीए और खासकर मैडम सोनिया गांधी ने की थी. इसमें इतना समय लग गया, लेकिन अगर इसे पेश किया जाए तो हमें खुशी होगी. महिला आरक्षण बिल पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि हमारी पार्टी ने 50% की मांग रखी है और इसी सत्र में इसको पास होना चाहिए और लागू होना चाहिए. राजनीतिक दल पिछले 25 सालों से बेवकूफ बना रही हैं लेकिन इस बार इसको लागू करना चाहिए.
शिवसेना(उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि संसद में कई एतिहासिक निर्णय लिए गए हैं... देश की जनता के लिए कई निर्णय लिए गए हैं जैसे दहेज विरोधी कानून, खाद्य सुरक्षा कानून, मनरेगा, संविधान संशोधन जिसमें महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई गई. एतिहासिक निर्णय 2014 से पहले भी लिए गए हैं। सिर्फ अपनी वाहवाही लूटना गैर जिम्मेदाराना है.
Source : News Nation Bureau