सेना में महिला शक्ति और बढ़ी, 147 महिला सैन्य अधिकारियों को मिला स्थायी कमीशन
सरहद पर दुश्मन के खिलाफ मोर्चा सम्भालने के लिए अब सेना में जाबांज महिला सैन्य अधिकारियों की संख्या और बढ़ गई है. इंडियन आर्मी के सेलेक्शन बोर्ड ने सेना में 147 और महिला ऑफिसर्स के परमानेंट कमीशन को हरी झंडी दी है.
highlights
- सेना में जाबांज महिला सैन्य अधिकारियों की संख्या और बढ़ी
- सेना में 147 और महिला ऑफिसर्स के परमानेंट कमीशन को दी गई हरी झंडी
- परमानेंट कमीशन के लिए कुल 615 महिला अधिकारियों ने आवेदन किया था
नई दिल्ली:
सरहद पर दुश्मन के खिलाफ मोर्चा सम्भालने के लिए अब सेना में जाबांज महिला सैन्य अधिकारियों की संख्या और बढ़ गई है. इंडियन आर्मी के सेलेक्शन बोर्ड ने सेना में 147 और महिला ऑफिसर्स के परमानेंट कमीशन को हरी झंडी दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सेना में स्थायी कमीशन पाने वाली महिला अधिकारियों की संख्या बढ़कर 424 हो गई है. महिलाओं के स्थायी कमीशन को लेकर इंडियन आर्मी के सेलेक्शन बोर्ड ने पहला रिजल्ट नवंबर 2020 में निकाला था, जिसमें 277 महिलाएं चयनित हुई थीं. परमानेंट कमीशन के लिए कुल 615 महिला अधिकारियों ने आवेदन किया था.
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पहले रिजल्ट के बाद चयन प्रक्रिया पर सवाल उठे और मामला फिर सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा. इसके बाद मार्च 2021 में सर्वोच्च न्यायालय ने पुनर्विचार के आदेश दिए और चयन प्रकिया पर सवाल भी उठाया. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि महिलाओं के साथ भेदभाव ठीक नहीं है. इस आदेश के बाद 147 अतिरक्त महिला अधिकारियों के स्थायी कमीशन का रास्ता खुल गया है.
147 more Women Officers are being granted Permanent Commission (PC), taking total PC granted to 424 out of 615 officers considered. Results of few Women Officers withheld for administrative reasons & awaiting outcome of clarification petition filed by UOI in SC: Indian Army pic.twitter.com/YZ5DwTj6gn
— ANI (@ANI) July 14, 2021
चयनित होने के बाद इन महिला सैन्य अधिकारियों को आर्मी वॉर कॉलेज में मिड लेवल टैक्टिकल ओरिएंटेशन कोर्स करना होता है. पिछले बैच से 33 महिला सैन्य अधिकारियों ने अबतक यह कोर्स सफलता पूर्वक किया है.
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सेना में महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जा मिले, यह लड़ाई लंबी चली और आखिरकार महिलाओं को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेना में पुरुषों के बराबरी का हक मिल पाया. इसके बाद से शार्ट कमीशन ने परमानेंट कमीशन होने का लाभ अब महिला सैन्य अधिकारियों को मिलने लगा है.