सबरीमाला में अब तक प्रवेश नहीं कर पाईं महिलाएं, आज पूजा का अंतिम दिन

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी सबरीमाला मंदिर में अभी तक पूजा करने के लिए महिलाओं को प्रवेश नहीं करने दिया गया है, जबकि पूजा का आज अंतिम दिन है. उधर, प्रवेश की कोशिश कर रहीं एक्‍टीविस्‍ट रेहाना फातिमा को मुस्‍लिम समुदाय ने बहिष्‍कृत कर दिया है.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
सबरीमाला में अब तक प्रवेश नहीं कर पाईं महिलाएं, आज पूजा का अंतिम दिन

प्रतीकात्मक तस्वीर

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी सबरीमाला मंदिर में अभी तक पूजा करने के लिए महिलाओं को प्रवेश नहीं करने दिया गया है, जबकि पूजा का आज अंतिम दिन है. उधर, प्रवेश की कोशिश कर रहीं एक्‍टीविस्‍ट रेहाना फातिमा को मुस्‍लिम समुदाय ने बहिष्‍कृत कर दिया है. उधर, पुलिस ने मीडिया से अपील की है कि वह सन्‍निधानम और पंबा में मौजूद न रहे. पुलिस को सूचना मिली है कि वहां मीडियाकर्मियों पर हमला हो सकता है. कुछ लोग मीडियाकर्मियों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं.

Advertisment

इससे पहले रविवार को आंध्र प्रदेश की चार महिलाएं रविवार यानी आज भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए सबरीमाला मंदिर की ओर जा रही थीं, तभी गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोका और उन्हें लौटा दिया. सुबह 10 बजे एक पुरुष श्रद्धालु के साथ दो महिलाओं को प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा. श्रद्धालु पहाड़ी पर स्थित मंदिर के अपने सफर की शुरुआत करने के लिए मंदिर कस्बे के मुख्य मार्ग में प्रवेश करने के करीब थे कि तभी प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया. संकट बढ़ता देख पुलिस अधिकारियों ने दोनों महिलाओं के इर्द-गिर्द एक सुरक्षा घेरा बना लिया और वे उन्हें पांबा के पुलिस नियंत्रण कक्ष ले गए.

यह भी पढ़ें : सबरीमाला मंदिर में एंट्री की कोशिश कर रही 4 महिलाओं के साथ प्रदर्शनकारियों ने किया ये काम

सबरीमाला परिसर में 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पहले रोक थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी है. केंद्र ने केरल सरकार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला याद दिलाया है. सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के आदेश के बाद से मंदिर का दरवाजा पहली बार बुधवार को खोला गया. सोमवार को मंदिर के कपाट बंद होंगे. राज्य में भारी तनाव के चलते सन्निधनं, पंबा, नीलक्कल और एलवंगल में धारा 144 को लगा दी गई है. बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य संगठनों ने हड़ताल का समर्थन किया है. त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रायर गोपालकृष्णन ने इस मामले पर केंद्र और राज्य से अध्यादेश की मांग की है.

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला 
28 सितंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमारी संस्कृति में महिला का स्थान आदरणीय है। यहां महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है और मंदिर में प्रवेश से रोका जा रहा है। यह स्वीकार्य नहीं है.

यह भी पढ़ें : Ind vs WI: भारत-वेस्‍टइंडीज के मैच में कई रिकॉर्ड हुए धराशायी, जानें कौन 7 बड़े रिकॉर्ड टूटे

Source : News Nation Bureau

sabrimala temple Supreme Court worship Sabrimala News entry boycott Rehana Fatima media Sabrimala Live Woman
      
Advertisment