बीएमसी के अस्पतालों में मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल रहीं : वर्षा गायकवाड़
महाराष्ट्र: एलिमनी का पैसा लेकर भाग गया Boyfriend, प्रेमिका को लगाया करोड़ों का चूना
IND vs ENG: बर्मिंघम टेस्ट में शुभमन गिल के पास है इतिहास रचने का मौका, मगर उसके लिए करना होगा ये मुश्किल काम
'बाद में तलाक लेते हैं', पत्नी से अलग रह रहे अनुपम खेर ने लॉन्ग डिस्टेंस मैरिज पर कही ये बात
Jharkhand: पलामू में ज्वेलरी चोरी कांड का खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार, बरामद हुए 13 लाख के आभूषण
यह नई बात नहीं, चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन होता है : अशोक चौधरी
भगवान जगन्नाथ जन-जन के भगवान, रथ यात्रा सांस्कृतिक एकता का प्रतीक : रबी नारायण नाइक
आरएसएस-भाजपा को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए : राहुल गांधी
संविधान से 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों को नहीं हटने देंगे : शक्ति सिंह यादव

CJI के खिलाफ यौन उत्पीड़न केस: शिकायतकर्ता महिला नहीं भाग लेंगी अंतरिम समिति की कार्यवाही में

देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व कर्मचारी ने मंगलवार को कहा कि वह मामले की जांच करने वाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की समिति के समक्ष पेश नहीं होगी.

देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व कर्मचारी ने मंगलवार को कहा कि वह मामले की जांच करने वाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की समिति के समक्ष पेश नहीं होगी.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
CJI के खिलाफ यौन उत्पीड़न केस: शिकायतकर्ता महिला नहीं भाग लेंगी अंतरिम समिति की कार्यवाही में

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (फाइल फोटो)

देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व कर्मचारी ने मंगलवार को कहा कि वह मामले की जांच करने वाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की समिति के समक्ष पेश नहीं होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्मचारी ने कहा कि मंगलवार तीसरा दिन था जब वह न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति के समक्ष पेश हुई.लेकिन गंभीर चिंता और आपत्तियों की वजह से मैं आंतरिक समिति की इन कार्यवाहियों में अब भाग नहीं ले रही हूं.

Advertisment

बता दें कि शिकायतकर्ता द्वारा आरोप के संदर्भ में शीर्ष अदालत के 22 न्यायाधीशों को पत्र लिखने के बाद, न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे की अगुवाई में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी.

और पढ़ें: चुनाव आयोग ने पीएम मोदी को दी क्लीन चिट, नहीं किया है आचार संहिता का उल्लंघन

समिति में शुरुआत में न्यायमूर्ति एन.वी. रमना शामिल थे, जिन्होंने गुरुवार को शिकायतकर्ता द्वारा उनके समिति में शामिल होने पर सवाल उठाने के बाद खुद को समिति से अगल कर लिया था.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि न्यायमूर्ति रमना प्रधान न्यायाधीश के करीबी दोस्त हैं और इसी वजह से मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती.

शिकायतकर्ता सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व जूनियर कोर्ट असिस्टेंट है. उन्होंने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत के सभी न्यायाधीशों को एक शपथ-पत्र भेजा था.

यह भी पढ़ें - Cyclone Fani Updates: चक्रवात फानी अगले 12 घंटों में दिखाएगा खतरनाक रूप, इन राज्यों पर होगा खतरा

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन शोषण के आरोपों की खबर के बाद हर कोई सकते में था. सुप्रीम कोर्ट में काम करने वाली एक महिला ने इस तरह के संगीन आरोप लगाए थे और इस संबंध में 26 वरिष्ठ कानूनविदों को चिट्ठी भी लिखी गई थी.

इसे भी पढ़ें: शास्त्री भवन में आग लगने की घटना पर बोले राहुल, जलती हुई फाइलें भी आपको नहीं बचा पाएंगी मोदी जी

गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज करते हुए भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शनिवार (20 अप्रैल) को कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में है और इसे अस्थिर करने के लिए 'बड़े पैमाने पर षड्यंत्र' रचा जा रहा है.

Source : News Nation Bureau

sexual harassment allegations Justice SA Bobde ranjan gogoi Justices Indu Malhotra Indira Banerjee
      
Advertisment