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Typewriters Voice के जरिये से हर महीने बदल रही 5 करोड़ लोगों की जिंदगी

“Typewriters Voice” नामक फ़ेसबुक पेज (Facebook Page) के ज़रिए 10 मिलियन से भी अधिक लोगों को ज़िंदगी में बदलाव लाने व उन्हें हर स्थिति में ख़ुश रहने की प्रेरणा देने का काम करते हैं.

“Typewriters Voice” नामक फ़ेसबुक पेज (Facebook Page) के ज़रिए 10 मिलियन से भी अधिक लोगों को ज़िंदगी में बदलाव लाने व उन्हें हर स्थिति में ख़ुश रहने की प्रेरणा देने का काम करते हैं.

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Yogendra Mishra
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जैनेंदर जिंदल।( Photo Credit : NN)

“Typewriters Voice” नामक फ़ेसबुक पेज के ज़रिए 10 मिलियन से भी अधिक लोगों की ज़िंदगी में बदलाव लाने व उन्हें हर स्थिति में ख़ुश रहने की प्रेरणा देने वाले बठिंडा के जैनेनेदर जिंदल ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन की वजह से ये साबित कर दिया इरादे नेक और अच्छे हो तो आपके साथ पूरी दुनिया जुड़ने के लिए तैयार हैं.

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बता दें, 18 सितंबर,1993 में पैदा हुए जैनेनेदर ने अपने “Typewriters Voice” नामक फ़ेसबुक पेज के ज़रिए लोगों को यह बताने का प्रयास करते हैं कि ज़िंदगी में चाहे कैसे भी हालात हो; हमें हर वक्त भगवान का शुक्रियाअदा करते रहना चाहिए. इस दुनिया में हर रोज़ कोई ना कोई चमत्कार होता रहता है, ऐसे में हमें अपने विश्वास को कभी भी कम नहीं होने देना चाहिए. आपको बस ऊपर वाले पर विश्वास रखते हुए और फल की चिंता किए बिना अपने कर्त्तव्यों को सच्चे मन से निभाना चाहिए. फिर देखिए भगवान आपकी ज़िंदगी में किस तरह से बदलाव लाता है.

हालाँकि, शुरूआत में जैनेनेदर को अपने इस “Typewriters Voice” नामक फ़ेसबुक पेज पर 1000 लोगों को जोड़ना भी बेहद मुश्किल लग रहा था. परंतु, उन्होंने कभी भी अपने पर निराशावादी सोच को हावी ना करते हुए धीरे धीरे इसके कंटेंट को ओर बेहतर बनाने की कोशिश की. ताकि वह ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को अपने विचारों से प्रभावित कर सकें. इनकी कड़ी मेहनत और उम्दा कंटेंट को देखते-देखते इन्हें अत्यधिक संख्या में लोगों का प्यार मिलने लग गया. दरअसल, इनके “Typewriters Voice”नामक फ़ेसबुक पेज पर उन बातों को बेहद सरल और चंद शब्दों में इतनी ख़ूबसूरती के साथ लिखा जाता है, जिससे लोग इसे अपनी निजी ज़िंदगी के साथ जोड़ते हुए, अन्य लोगों के साथ भी शेयर करना पसंद करते है.

जैनेनेदर का कहना हैं कि जब उन्हें 100 हज़ार लोगों का बेपनाह प्यार और हौंसलाअफजाई मिलना शुरू हुई, तो वह रोज़ाना अपना ज़्यादा से ज़्यादा वक्त “Typewriters Voice” को ओर कैसे बेहतर बनाया जायें, इस पर लगाने लगे ताकि वह ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन सकें. हालाँकि, अब उन्हें अपने “Typewriters Voice” फ़ेसबुक पेज पर नियमित रूप से कई लाखों करोड़ों लोगों के संदेश मिलते हैं, जिससे देखकर उन्हें बेहद ख़ुशी होती है कि उनके एक छोटे से प्रयास ने कितने लाखों करोड़ों लोगों की जिंदगी को प्रभावित करते हुए उनकी ज़िंदगी में बदलाव लाया है.

बता दें, 31 जनवरी 2017 को “Typewriters Voice” नामक फ़ेसबुक पेज को बनाया गया और सितंबर 2019 में यह 10 मिलियन से भी अधिक लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुका था. आज इस मुक़ाम और लाखों लोगों का प्यार पाने के बाद, जैनेनेदर जिंदल का अपने लबों पर हल्की सी मुस्कुराहट के साथ यहीं कहना है, “ मंज़िले क्या थी , रास्ते क्या थे; हौंसलें थे, तो फ़ासले भी ज़्यादा ना थे.”

Source : News Nation Bureau

Typewriters Voice facebook page
      
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