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कोविड-19: भारत में 6 महीने बाद आए सबसे कम केस, रिकवरी रेट बढ़ा

भारत में एक दिन में कोविड-19 के 18,732 नए मामले सामने आए, जो लगभग छह महीनों में सबसे कम हैं.

Updated on: 27 Dec 2020, 12:00 PM

दिल्ली:

भारत में एक दिन में कोविड-19 के 18,732 नए मामले सामने आए, जो लगभग छह महीनों में सबसे कम हैं. देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,01,87,850 हो गए हैं. इसके साथ ही अब तक 97,61,538 लोगों के ठीक होने से राष्ट्रीय स्तर पर मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 95.82 प्रतिशत हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार सुबह आठ बजे जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में 24 घंटे की अवधि में संक्रमण से 279 और लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 1,47,622 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कुल 18,732 नए मामले सामने आए. इससे पहले एक जुलाई को 18,653 नए मामले आए थे. देश में कोविड-19 के मामलों में मृत्यु दर 1.44 प्रतिशत है.

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मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 2,78,690 है, जो कुल मामलों का 2.73 प्रतिशत है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, 26 दिसंबर तक देशभर में 16,81,02,657 नमूनों की जांच हुई है, जिसमें शनिवार को हुई 9,43,368 जांच भी शामिल हैं. भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या सात अगस्त को 20 लाख के आंकड़े को पार कर गई थी, जबकि 23 अगस्त को 30 लाख, 5 सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के आंकड़े को पार कर गई थी.

संक्रमित लोगों की संख्या 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ के आंकड़े को पार कर गई. देश में बीमारी से हुई 279 नई मौतों में 60 महाराष्ट्र में, 23 दिल्ली में, 33 पश्चिम बंगाल में, 21 केरल में, 14 उत्तर प्रदेश में, 13 उत्तराखंड में और 12-12 मौतें पंजाब और छत्तीसगढ़ में हुई हैं. देश में अब तक कुल 1,47,622 मौत हुई हैं जिनमें महाराष्ट्र में 49,189 मौत हुई हैं.

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इसके बाद कर्नाटक में 12,051, तमिलनाडु में 12,059, दिल्ली में 10,437, पश्चिम बंगाल में 9,569, उत्तर प्रदेश में 8,293, आंध्र प्रदेश में 7,092, पंजाब में 5,281 और गुजरात में 4,275 मौत हुई हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मौत मरीजों के अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त होने के कारण हुईं. मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि हमारे आंकड़ों को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों के साथ मिलाया जा रहा है.