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शीतकालीन सत्र शुरू होते ही 'बार-बार मोदी सरकार' का लगा नारा, 12 बजे तक स्थगित हुई कार्यवाही

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है. इस सत्र में कई अहम बिल पेश किये जायेंगे. इस सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''देश ने नकारात्मकता को खारिज कर दिया है.

Updated on: 04 Dec 2023, 11:54 AM

नई दिल्ली:

चार विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद आज संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. राष्ट्रगान के साथ सभी संसद सदस्य सत्र में शामिल हुए. सत्र के शुरू होते ही संसद में पीएम मोदी के नाम के नारे गूंजने लगे है. वहीं, विपक्ष की ओर से जोरदार हंगामा शुरू हो गया, जिसके चलते संसद को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. आपको बता दें कि यह शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर तक चलने वाला है. लोकसभा के स्पीकर ने सभी सदस्यों का स्वागत किया. आज सत्र के पहले दिन टीएमसी कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़ी रिपोर्ट पर चर्चा हो सकती है. लोकसभा के एथिक्स पैनल ने जांच के बाद टीएमसी सांसद को निष्कासित करने की सिफारिश की है.

टीएमसी कांग्रेस महुआ मोइत्रा को लेकर बवाल देखा जा सकता है. वहीं, तीन राज्यों में हार से विपक्ष एकजुट नजर आ सकता है. सत्र के दौरान विपक्ष बेरोजगारी, महंगाई, मणिपुर हिंसा और जांच एजेंसियों के इस्तेमाल पर हमला बोल सकता है. 
 
आज इन बिलों को किया जाएगा पेश

इस सेशन के दौरान, सरकार जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश करेगी, जो जम्मू और कश्मीर में महिलाओं के लिए सीटों का एक तिहाई आरक्षण प्रदान करेगा. पुडुचेरी की विधान सभा में महिलाओं के लिए आरक्षण प्रदान करने के प्रावधानों को लेकर केंद्र शासित प्रदेश सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी पेश किया जाएगा. ये दोनों बिल उन 7 नए विधेयकों में से हैं, जो इस सत्र में सरकार के विधायी एजेंडे का हिस्सा हैं. 

कितने बिल हैं पेंडिंग?

वहीं, कुल 33 पेंडिंग बिलों में से 12 विचार और पारित करने के लिए लिस्टेड हैं. इनमें तीन क्रिमिनल लॉ अमेंडेमेंट बिल भी शामिल हैं, जिन्हें लोकसभा में पेश करने के बाद सबसे पहले स्थायी समिति को भेजा गया था. राज्यसभा में पेश किए गए अन्य चुनाव आयुक्त विधेयक 2023 को शीतकालीन सत्र के दौरान विचार और पारित करने के लिए रखा जाएगा.

सत्र से पहले पीएम नरेंद्र मोदी क्या बोले?

शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "देश ने नकारात्मकता को नकारा है. लोकतंत्र का यह मंदिर जन आकांक्षाओं के लिए, विकसित भारत की नींव को और अधिक मजबूत बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण मंच हैं. मैं सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि वो ज्यादा से ज्यादा तैयारी करके आएं. सदन में जो बिल रखे जाए उनपर गहन चर्चा हो. पीएम ने आगे कहा कि सदन में चर्चा होने की जरुरी है.

हम सभी से आग्रह करता हूं कि विपक्ष में बैठे साथी है इस सत्र मे प्रजाय का गुस्सा निकालने के बजाय पिछले 9 सालों से चलाई गई नकारात्मकता को छोड़कर सकारात्मकता पर बात करें और इस  पर चर्चा करिए. उन्होंने कहा कि हर किसी का भविष्य उज्जवल है. पीएम ने कहा कि थोड़ा से अपना रूख बदलिए और देशहित में साथ दीजिए.