पाकिस्तान का विंटर प्लान एक्सपोज, अलर्ट मोड पर सेना का एंटी टेरर ग्रिड
पाकिस्तानी ISI और सेना की मदद से आतंकी नवंबर में शुरू होने वाली बर्फबारी से पहले किसी भी तरह घुसपैठ करना चाहते है. घुसपैठ के लिए उड़ी, केरन ,गुराज, चकोटी, तंगदार, पूंछ ,राजौरी और पूंछ के अलग अलग इलाकों में ट्रेनिंग कैंप और लॉन्च पैड बनाए गए हैं...
highlights
- पाकिस्तान का मास्टर प्लान बेनकाब
- घुसपैठ की कोशिश हो रही तेज
- भारतीय सेना ने बनाया फुलप्रूफ प्लान
श्रीनगर:
इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी के दूसरे तरफ पाकिस्तान में बैठे करीब 250 आतंकी सर्दियां शुरू होने से पहले बड़ी घुसपैठ की फिराक में है. सेना और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के पास इस तरह की लगातार जानकारियां आ रही है बॉर्डर पार ट्रेनिंग कैंप में लश्कर, जैश और कई दूसरे आतंकी संगठनों के आतंकी ट्रेनिंग कैंप में मोजूद है और इन ट्रेनिंग कैंप से अब आतंकियों को एलओसी के बेहद करीब लॉन्चिंग पैड पर भेजा जा रहा है। इन इनपुट के सामने आने के बाद सेना ने एंटी टेरर ग्रिड को और भी ज्यादा अलर्ट मोड में रखा है. सूत्रों के मुताबिक एंटी इंफिल्ट्रेशन ऑब्सट्रूकल सिस्टम से लेकर ड्रोन के जरिए बॉर्डर के हर हिस्से पर नजर रखी जा रही है. जवानों को भी निगरानी और लागतार पेट्रोलिंग करने के लिए कहा गया है.
बर्फबारी से पहले भारी तैयारी
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी ISI और सेना की मदद से आतंकी नवंबर में शुरू होने वाली बर्फबारी से पहले किसी भी तरह घुसपैठ करना चाहते है. घुसपैठ के लिए उड़ी, केरन ,गुराज, चकोटी, तंगदार, पूंछ ,राजौरी और पूंछ के अलग अलग इलाकों में ट्रेनिंग कैंप और लॉन्च पैड बनाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ PoJK के जिन गांव के आस पास ट्रेनिंग कैंप और लॉन्च पैड बताए जाते है वो इस तरह है. पुंछ के उस पार पोती छपरॉ, कतियार, फगवारी, देव रण्डी, शेयर, मंडोल, बटल, ट्रिनोट, शेआरा, रकार, बटाहलन, हेलन टाप घोंटा, सपाल टाप, रीड कटर, नेजा पीर और खोडी नुरकोट के नाम हैं. मेंढर के उस पार नकयाल और डेरा शेर खान, मंजाकोट के उस ओर बिंबरनाका और चतराली, नौशेरा के उस ओर सेरी और मरूठा तो सुंदरबनी के पार शगुन शेर और गुल्डी हैं.
पिछले 2 महीने से बॉर्डर पार से घुसपैठ की कोशिशें लगातार बढ़ी हैं. अगस्त महीने में सेना ने एलओसी पर तीन बड़ी घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया है.
पहली कोशिश: राजौरी के दरहाल में की गई, जहां आतंकियों ने सेना के कैंप को निशाना बनाने की कोशिश की। लेकिन सेना के जवानों ने आतंकियों के उरी जैसा हमला करने की कोशिश को नाकाम कर दिया. सेना ने दोनों आतंकियों को मौके पर ही मार गिराया.
दूसरी कोशिश : 21अगस्त को नौशेरा सेक्टर में की गई, जहां फिदायीन हमला करने आए आतंकी को सेना ने जिंदा पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी. जिंदा पकड़े गए आतंकी का नाम तबारक था. तबारक ने कैमरे पर काबुल किया था की उसे पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने ट्रेनिंग दी थी और पाकिस्तान में मौजूद 5 से 6 कैंप में भी जा चुका था. सेना ने अपने अस्पताल में उसका इलाज भी किया लेकिन हृदय गति रुकने से उसकी मौत हो गई.
तीसरी कोशिश : 23 अगस्त को नौशेरा सेक्टर में ही की गई, जहां घुसपैठ करने आ रहे आतंकी सेना द्वारा लगाई गई लैंडमाइन की चपेट में आकर मारे गए.
चौथी कोशिश : 24 अगस्त को कश्मीरी के उरी सेक्टर में हुई जहां घुसपैठ कर रहे 3 आतंकी सेना की गोली का शिकार बन गए.
पांचवीं घटना : 6 सितंबर को जम्मू के अरनिया सेक्टर में हुई जहां पाकिस्तानी रेंजर्स ने बीएसएफ की पेट्रोलिंग पार्टी को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन बीएसएफ ने इस फायरिंग का पाकिस्तानी रेंजर्स को मुंहतोड़ जवाब दिया. बाद में पाकिस्तान द्वारा बुलाई गई फ्लैग मीटिंग में बीएसएफ ने फायरिंग पर कड़ा रुख कायम किया.
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