लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और वे अपना फैसला बदलने को तैयार नहीं हैं. उनका मानना है कि अब कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी गांधी परिवार से इतर किसी को संभालनी चाहिए. एक दिन पहले राहुल गांधी ने इस बात पर क्षोभ जताया कि किसी भी वरिष्ठ नेता, महासचिव, प्रदेशाध्यक्ष और प्रभारियों ने हार की जिम्मेदारी नहीं ली.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की इस टिप्पणी के बाद यह सवाल लाजिमी हो जाता है कि क्या प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार की जिम्मेदारी लेंगे और अपने पदों से इस्तीफे की पेशकश करेंगे.
प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने रणनीतिक तरीके से पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाकर विपक्षी खेमे में खलबली मचा दी थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी यूपी का प्रभारी बनाया गया था. उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से कांग्रेस 67 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. अन्य 13 सीटों पर कांग्रेस ने अन्य उम्मीदवारों का समर्थन किया था.
दिग्गजों की जब्त हो गई थी जमानत
प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे दिग्गजों की तैनाती के बाद भी कांग्रेस के केवल 4 दिग्गजों की ही जमानत बच पाई थी. सोनिया गांधी ने रायबरेली से जहां जीत हासिल की थी, वहीं, राहुल गांधी अमेठी, इमरान मसूद सहारनपुर और श्रीप्रकाश जायसवाल कानपुर से अपनी जमानत बचाने में सफल रहे थे. जमानत गंवाने वाले दिग्गजों में उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर, पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद के अलावा निर्मल खत्री, नसीमुद्दीन सिद्दीकी और अजय राय आदि रहे. 10 जगहों पर तो कांग्रेस प्रत्याशी ऐसे रहे, जिन्हें कुल पड़े वोटों का 2 प्रतिशत से भी कम हासिल हुआ था.
Source : News Nation Bureau