क्या हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा ट्रिपल तलाक बिल, आज शीतकालीन सत्र का आख़िरी दिन

विपक्ष की मांग है कि ट्रिपल तलाक बिल को पहले सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए क्योंकि इस बिल में कई खामियां है।

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Deepak Kumar
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क्या हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा ट्रिपल तलाक बिल, आज शीतकालीन सत्र का आख़िरी दिन

ट्रिपल तलाक़ बिल पास होने पर असमंजस बरकरार

राज्यसभा में ट्रिपल तलाक पर गतिरोध गुरुवार को भी जारी रहा। विपक्षी पार्टियां इसकी खामियों को दूर करने के लिए इसे प्रवर समिति (सेलेक्ट कमेटी) के पास भेजे जाने की मांग को लेकर अड़ी रही, वहीं सरकार ने विपक्षी पाíटयों की मांग को ठुकरा दिया। 

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सरकार ने प्राथमिकता के साथ इस विधेयक को राज्यसभा में पेश करना चाहा, लेकिन विपक्षी पार्टियां इसे तत्काल प्रवर समिति के पास भेजने की मांग पर अड़ी रही।

ऐसे में अब सबकी निगाहें शुक्रवार को होने वाली राज्यसभा की कार्यवाही पर है। 5 जनवरी संसद के शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन है।

विपक्ष की मांग है कि ट्रिपल तलाक बिल को पहले सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए क्योंकि इस बिल में कई खामियां है।

सदन में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि इस विधेयक को जल्द से जल्द पारित कराना होगा। उन्‍होंने कहा कि ट्रिपल तलाक पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की खातिर कोर्ट ने 6 महीने का समय दिया है जो फरवरी में पूरा हो जाएगा।

उन्होंने कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए सरकार ने आरोप लगाया कि विपक्ष जानबूझ कर विधेयक को अवरूद्ध करने की कोशिश कर रहा है। जेटली ने कहा कि विपक्षी दल इस बिल को लेकर दोहरा रुख अपना रहा है।

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उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने लोकसभा में इस बिल को पास कराए जाने में सहयोग दिया लेकिन राज्यसभा में वह इसकी राह में रोड़ा अटका रहे हैं।

विपक्ष विधेयक को प्रवर समिति (सेलेक्‍ट कमेटी) में भेजने के प्रस्ताव पर मत विभाजन की मांग पर अड़ा है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने सरकार के दोहरा मापदंड अपनाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हम विधेयक की प्रक्रिया को पूरा करेंगे।

तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय तथा कांग्रेस के आनंद शर्मा ने विधेयक को सदन की प्रवर समिति के पास भेजने का प्रस्ताव पेश किया।

बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस ट्रिपल तलाक बिल का विरोध कर रही है। सरकार के पास शीतकालीन सत्र में बिल पास करवाने के लिए सिर्फ शुक्रवार का वक्त बचा है।

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बता दें कि लोकसभा ने 28 दिसंबर को तीन तलाक को आपराधिक करार देते हुए इसका इस्तेमाल करने वाले मुस्लिम पतियों को तीन साल की सजा के प्रावधान वाले विधेयक को पारित कर दिया था।

इससे पहले सरकार ने विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 ध्वनिमत से पारित किया गया।

इससे पहले रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य एन.के. प्रेमचंद्रन द्वारा विधेयक को लोगों की राय जानने के लिए रखे जाने की मांग को खारिज कर दिया गया।

असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम) व प्रेमचंद्रन सहित विपक्षी सदस्यों द्वारा कई संशोधन के प्रस्तावों को मत विभाजन में अस्वीकार कर दिया गया।

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HIGHLIGHTS

  • ट्रिपल तलाक बिल हंमागे की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है
  • राज्यसभा में इस बिल को बुधवार को पेश किया लेकिन इस पर चर्चा नहीं हो पाई
  • ऐसे में अब सबकी निगाहें कल होने वाली कार्यवाही पर है। 5 जनवरी संसद के शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन है

Source : News Nation Bureau

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