तीन तलाक पर बोले पीएम नरेंद्र मोदी, मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए खड़े हैं साथ

पीएम मोदी ने कहा कि मैं मुस्लिम महिलाओं को विश्वास दिलाता हूं कि पूरा देश उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी ताकत से साथ खड़ा है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं मुस्लिम महिलाओं को विश्वास दिलाता हूं कि पूरा देश उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी ताकत से साथ खड़ा है।

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Deepak Kumar
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तीन तलाक पर बोले पीएम नरेंद्र मोदी, मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए खड़े हैं साथ

मोदी बोले, मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए खड़े हैं साथ (पीटीआई)

संसद के मॉनसून सत्र में तीन तलाक विधेयक पारित नहीं होने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अफसोस जाहिर किया और कहा कि मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए पूरा देश उनके साथ खड़ा है। मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा, "सामाजिक बदलाव के बिना आर्थिक प्रगति अधूरी है। लोकसभा में तीन तलाक विधेयक को पारित कर दिया गया। हालांकि राज्यसभा के इस सत्र में संभव नहीं हो पाया है। मैं मुस्लिम महिलाओं को विश्वास दिलाता हूं कि पूरा देश उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी ताकत से साथ खड़ा है।"

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लोकसभा में अजेय बहुमत के साथ सरकार आठ दिसंबर 2017 को मुस्लिम (विवाह अधिकार सुरक्षा) विधेयक पारित करवाने में कामयाब रही। विधेयक के कुछ प्रावधानों पर विपक्ष की आपत्ति के बावजूद विधेयक को लोकसभा में उसी दिन पारित कर दिया गया, जिस दिन इसे पेश किया गया था। 

हालांकि राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत नहीं है और विपक्ष ने विधेयक की जांच के लिए इसे सदन की प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की है। लेकिन सरकार इस मांग पर सहमत नहीं है।

विधेयक में उन लोगों के लिए तीन साल की सजा का प्रावधान है, जो त्वरित तीन तलाक के माध्यम से अपनी पत्नी को तलाक देते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही तीन तलाक को अवैध घोषित कर दिया है।

महिलाओं को न्याय दिलाने की बात करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने दुष्कर्मियों के लिए कठोर सजा सुनिश्चित की है।

मोदी ने कहा, "देश की नारी शक्ति के खिलाफ कोई भी सभ्य समाज किसी भी प्रकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकता। दुष्कर्म के दोषियों को देश सहन करने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए संसद ने आपराधिक कानून संशोधन विधेयक को पास कर कठोरतम सजा का प्रावधान किया है। दुष्कर्म के दोषियों को कम-से-कम 10 वर्ष की सजा होगी, वहीं 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म करने पर फांसी की सजा होगी।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "कुछ दिन पहले आपने अखबारों में पढ़ा होगा कि मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक अदालत ने सिर्फ दो महीने की सुनवाई के बाद नाबालिग से दुष्कर्म के दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है।"

उन्होंने कहा कि इसके पहले मध्य प्रदेश के कटनी में एक अदालत ने सिर्फ पांच दिन की सुनवाई के बाद दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। 

प्रधानमंत्री ने कहा, "यह कानून महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ अपराध के मामलों को रोकने में प्रभावी भूमिका निभाएगा।"

और पढ़ें- आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम दुष्कर्म के खिलाफ प्रभावी भूमिका निभाएगा: पीएम मोदी

मोदी ने संसद का मॉनसून सत्र सुचारु तरीके से चलने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, "मॉनसून सत्र में इस बार सबने मिलकर एक आदर्श प्रस्तुत कर दिखाया है। मैं सार्वजनिक तौर पर आज देश के सभी सांसदों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।"

Source : News Nation Bureau

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