बाबरी विध्वंस मामला: क्या आडवाणी, जोशी हो सकते हैं राष्ट्रपति की रेस से बाहर?

एनडीए सरकार की तरफ से जोशी और आडवाणी का नाम राष्ट्रपति पद के लिए संभावित नाम माना जा रहा था।

author-image
Narendra Hazari
एडिट
New Update
बाबरी विध्वंस मामला: क्या आडवाणी, जोशी हो सकते हैं राष्ट्रपति की रेस से बाहर?

बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवानी (फाइल फोटो)

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए बड़ा कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी और मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती के साथ 13 अन्य नेताओं पर मुकदमा चलाया जाएगा। ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अब बीजेपी में एक असमंजस पैदा हो गया है। दरअसल लालकृष्ण आडवानी और मुरली मनोहर जोशी को बीजेपी की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए दमदार उम्मीद्वार बताया जा रहा था।

Advertisment

बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को हजारों की संख्या में कारसेवकों ने ढहा दिया था। इसके बाद देश में कई जगह दंगे भड़क उठे थे। इस घटना के ठीक पहले जोशी, आडवानी और उमा भारती सहित अन्य नेताओं पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया है। जिसके बाद ये पूरा घटनाक्रम हुआ था। ऐसे में पार्टी नहीं चाहेगी कि जिनपर इतने संगीन मामले में मुकदमा चल रहा हो उनका नाम राष्ट्रपति पद के लिए आगे किया जाए। अब इन दोनों दिग्गज नेताओं पर लखनऊ हाईकोर्ट मे मुकदमा दायर कर सुनवाई की जाएगी।

देश में जुलाई तक राष्ट्रपति चुनाव होने हैं जिसमें यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि इनमें एनडीए सरकार की तरफ से मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवानी का नाम दिया जा सकता है।

और पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट का आदेश- आडवाणी, जोशी, उमा के खिलाफ चलेगा आपराधिक साजिश का मुकदमा

राष्ट्रपति पद के लिए ये दोनों नेता भी लगातार ही अपनी दावेदारी पेश करने की कोशिश कर रहे थे। मार्च में हुई सोमनाथ ट्रस्ट की मीटिंग के बाद से ही ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के लिए राष्ट्रपति पद पर लालकृष्ण आडवानी पहली पसंद होंगे। इस दौरान पीएम मोदी ने बातों ही बातों में कुछ हिंट्स भी दी थीं।

हाल ही मे ओडिशा में बीजेपी कार्यकारिणी बैठक के दौरान भी कुछ ऐसी ही बातें सामने आई थी। पीएम नरेंद्र मोदी की डिनर टेबल चर्चा का केंद्र रही थी। इस दौरान पीएम मोदी के साथ डिनर करने वालों में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, संगठन महासचिव रामलाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ साथ रहे।

इन सभी के बीच इन डिनर का निमंत्रण मुरलीमनोहर जोशी को भी दिया गया था। इस डिनर चर्चा के बाद फिर राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया। माना जा रहा था कि राष्ट्रपति पद के लिए अब लालकृष्ण आडवानी से ज्यादा बीजेपी और मोदी को मुरलीमनोहर जोशी पसंद आ रहे हैं।

और पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट का बाबरी विध्वंस केस में बड़ा फैसला, उमा, आडवाणी समेत 13 पर चलेगा का केस, पढ़ें पूरा मामला

अब इन सब अटकलों के बीच सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश बीजेपी को एक अन्य विकल्प को सोचने पर मजबूर कर देगा। बाबरी विध्वंस जैसे संगीन मामले में मुदकमा चलने के बाद सरकार नहीं चाहेगी कि उसकी छवि को देश में किसी तरह का भी नुकसान उठाना पड़े। इसलिए आडवानी और जोशी राष्ट्रपति की दौड़ से बाहर होते नजर आ रहे हैं।

Source : Narendra Hazari

verdict in babri masjid demolition conspiracy case babri-masjid presidential race Lal Krishna Advani BJP stalwarts BJP Supreme Court Murali Manohar Joshi Babri Masjid Demolition
      
Advertisment