विकीलीक्स ने रिपोर्ट में किया दावा, अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA लगा चुकी है आधार डेटा में सेंध

विकीलीक्स की एक रिपोर्ट ने आधार के डाटा से जुड़ी हुई एक बड़ी खबर का खुलासा किया है। विकीलीक्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA साइबर जासूसी के लिए अमेरिका आधारित प्रौद्योगिकी प्रदाता क्रॉस मैच टेक्नोलॉजीज के तैयार किए गए टूल्स का उपयोग कर रही है।

विकीलीक्स की एक रिपोर्ट ने आधार के डाटा से जुड़ी हुई एक बड़ी खबर का खुलासा किया है। विकीलीक्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA साइबर जासूसी के लिए अमेरिका आधारित प्रौद्योगिकी प्रदाता क्रॉस मैच टेक्नोलॉजीज के तैयार किए गए टूल्स का उपयोग कर रही है।

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Narendra Hazari
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विकीलीक्स ने रिपोर्ट में किया दावा, अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA लगा चुकी है आधार डेटा में सेंध

आधार कार्ड (फाइल)

विकीलीक्स की एक रिपोर्ट ने आधार के डाटा से जुड़ी हुई एक बड़ी खबर का खुलासा किया है। विकीलीक्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA साइबर जासूसी के लिए अमेरिका आधारित प्रौद्योगिकी प्रदाता क्रॉस मैच टेक्नोलॉजीज के तैयार किए गए टूल्स का उपयोग कर रही है।

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इस टूल में आधार डेटा शामिल हो सकता है। हालांकि इस रिपोर्ट के आने के बाद भारत के अधिकारिक सूत्रों ने इसे पूरी तरह से खारिज किया है।

दरअसल क्रॉस मैच टेक्नोलॉजीस आधार के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को बॉयोमीट्रिक डाटा के लिए उपकरण प्रदान करता है। विकीलीक्स के डॉक्यूमेंट्स में इस बात का खुलासा किया गया है कि सीआईए ने एक्सप्रेसलेन नाम के एक उपकरण का इस्तेमाल किया है।

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बता दें कि यह उपकरण क्रॉस मैच टेक्नोलॉजीस ने तैयार किया है। इसी वजह से यह दावा किया गया है कि सीआईए ने आधार में सेंध लगाई है। रिपोर्ट में लिखा है कि सीआईए एजेंट रियलटाइम में आधार डेटाबेस का उपयोग कर सकते हैं।

इस दौरान विकीलीक्स ने यह ट्वीट भी किया है कि क्या सीआईए के जासूस पहले से ही भारत की राष्ट्रीय पहचान पत्र का डेटाबेस चोरी कर चुके हैं? इसके बाद एक और ट्वीट में लिखा कि क्या सीआईए ने भारत का आधार डेटाबेस चोरी कर लिया है।

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वहीं अधिकारिक सूत्रों ने इस बात पर कहा है कि रिपोर्ट को विकीलीक्स ने लीक नहीं किया है, बल्कि ये एक वेबसाइट की रिपोर्ट है। उन्होंने कहा कि क्रॉस मैच बायोमेट्रिक डाटा केप्चर करने के लिए उपयोग किए जाने वाली मशीनों को पूरी दुनिया में उपलब्ध कराता है।

इनके माध्यम से डेटा चोरी नहीं किया जा सकता है। क्योंकि, यह एन्क्रिप्टेड रूप से डेटा एकत्र करते हैं जो आधार सर्वर को ट्रांसफर करते हैं। उन्होंने कहा कि इन रिपोर्ट्स का वास्तव में कोई आधार नहीं है।

Source : News Nation Bureau

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