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मानसून सत्र क्यों होगा हंगामेदार?

संसद के मानसून सत्र को लेकर सरकार और विपक्ष ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि इस बार भी सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं.

Updated on: 13 Jul 2022, 04:03 PM

नई दिल्ली:

संसद के मानसून सत्र को लेकर सरकार और विपक्ष ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि इस बार भी सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. कांग्रेस अग्निपथ योजना, महंगाई, बेरोजगारी, चीन बॉर्डर विवाद और रुपयों की गिरती कीमत सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है. कांग्रेस केंद्र सरकार से सदन में इन मुद्दों पर बहस की मांग करेगी. इस बाबत कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को बैठक बुलाई है, जिसमें सदन को लेकर रणनीति बनाई जाएगी.

कांग्रेस पार्टी संसद में अग्निपथ स्कीम, एमएसपी, चीन बॉर्डर मुद्दा, बेरोजगारी, महंगाई और रुपये की गिरती कीमत जैसे तमाम मुद्दों पर सरकार को संसद के अंदर और बाहर घेरने की रणनीति बना रही है. इसके अलावा कांग्रेस सभी विपक्षी दलों को इन मुद्दों पर आम राय बनाने की कोशिश में लगी हुई है.

मॉनसून सत्र से पहले सोनिया गांधी की बैठक

संसद के मानसून सत्र के मद्देनजर मुकम्मल रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के बड़े नेताओं की मीटिंग बुलाई है. इस बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खरगे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पी चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल, माणिक टैगोर, रणदीप सुरजेवाला मौजूद रहेंगे.

सरकार ने बुलाई सर्वदलीय मीटिंग

मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार ने रविवार को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है. ये सत्र 18 जुलाई से लेकर 12 अगस्त तक चलेगा. कुल 26 दिनों की अवधि में 18 बैठकें होंगी.

सूत्रों के मुताबिक, सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को बैठक में आमंत्रित किया गया है. सरकार की ओर से मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी शामिल होंगे.

18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान

आम तौर पर सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार की ओर से सदन के कामकाज का एजेंडा सभी दलों के समक्ष रखा जाता है, लेकिन संसद का ये सत्र खास रहने वाला है, क्योंकि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है. दूसरी तरफ उपराष्ट्रपति का चुनाव 6 अगस्त को होगा यानी इस सदन के दौरान देश को नया राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी मिल जाएगा.