राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब काशी विश्वनाथ और मथुरा के मुहिम तेज हो गई है. काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पुरातत्व विभाग को जांच करने का आदेश दिया है. काशी 'ज्ञानवापी' विवाद में मंदिर पक्ष ने दलील दी है कि विश्वेश्वर मंदिर का एक अंश मस्जिद है. मंदिर के अवशेषों से मस्जिद का निर्माण हुआ है. मस्जिद के नीचे 100 फीट ऊंचा ज्योतिर्लिंग है. औरंगजेब ने 1664 में मंदिर को नष्ट करवाया था. 2050 साल पहले विश्वनाथ मंदिर का निर्माण हुआ था. मस्जिद की दीवारों पर हिंदू आस्था के निशान मौजूद हैं. ज्ञानवापी परिसर के सर्वे को मंजूरी पर क्यों भड़के कट्टरपंथी? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश.
- क्या वहां पर पहले कोई मंदिर था कि नहीं, ये मुख्य मुद्दा है : विष्णु शंकर जैन, वकील, सुप्रीम कोर्ट
- अगर कोई डाक्यूमेंट को नहीं मानना चाहता है तो मैं उसमें कुछ नहीं कर सकता हूं : विष्णु शंकर जैन, वकील, सुप्रीम कोर्ट
- कोई अगर मंदिर में नमाज पढ़ ले वो कभी मस्जिद नहीं हो सकता है और अगर कोई मस्जिद में पूजा कर ले तो वो मंदिर नहीं हो सकता है : विष्णु शंकर जैन, वकील, सुप्रीम कोर्ट
- देश की संवैधानिक संस्थाओं का आदेश मानना चाहिए : विष्णु शंकर जैन, वकील, सुप्रीम कोर्ट
- हिंदू समाज के लोगों में संयम : विष्णु शंकर जैन, वकील, सुप्रीम कोर्ट
- मौलाना जो धार्मिक सद्भभावना की बात करते हैं तो उन्हें क्यों दिक्कत हो रही है : स्वामी चक्रपाणि महाराज, अध्यक्ष, हिंदू महासभा
- विदेशी आक्रांताओं ने हमारे मंदिरों को ध्वस्त किया, आज ये लोग उनका समर्थन कर रहे हैं : स्वामी चक्रपाणि महाराज, अध्यक्ष, हिंदू महासभा
- आज पूरा देश जाग गया है, आज इसे पूरी दुनिया देख रहा है : स्वामी चक्रपाणि महाराज, अध्यक्ष, हिंदू महासभा
- मुगल आक्रांताओं ने तोड़ने का काम किया : स्वामी चक्रपाणि महाराज, अध्यक्ष, हिंदू महासभा
- औरंगजेब ने फतवा जारी किया : स्वामी चक्रपाणि महाराज, अध्यक्ष, हिंदू महासभा
- बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए मंदिर-मस्जिद का मुद्दा बनाया जा रहा है : एहतेशाम हाशमी, राजनीतिक विश्लेषक
- मंदिर-मस्जिद विवाद से सीधे-सीधे पाकिस्तान को फायदा होगा : एहतेशाम हाशमी, राजनीतिक विश्लेषक
- सिर्फ पाकिस्तान के एजेंट ही मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठा रहे हैं : एहतेशाम हाशमी, राजनीतिक विश्लेषक
- यर्जुवेद में लिखा है कि मूर्ति पूजा मना है : एहतेशाम हाशमी, राजनीतिक विश्लेषक
- अगर हम कोर्ट के किसी आर्डर से संतुष्ट नहीं हैं तो अपील कर सकते हैं : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
- हम एएसआई की रिपोर्ट पर विश्वास नहीं करते हैं : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
- अयोध्या मामले में हमने कानून माना तभी तो सबकुछ हो रहा है : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
- क्या आस्था के आधार पर कोर्ट में फैसला कराएंगे : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
- 1991 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश लोवर कोर्ट कैसे आदेश दे सकता है : मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी
- हम सीएए को लेकर सप्रीम कोर्ट में रिव्यू के लिए गए हैं : मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी
- आपलोग इस्लाम के बारे में गलतफैमी के शिकार हैं : मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी
- भारत में कोई मंदिर तलवार के बल पर नहीं तोड़ा गया है : मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी
- सिर्फ इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है : मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी
- हर धर्म की अपनी एक आस्था होती है : मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी
- इस्लाम में कोई मजार की पूजा नहीं की जाती हैं : मौलाना अली कादरी, अध्यक्ष, सीरत उन नबी
- विवाद स्थल का पश्चिम दीवार मंदिर का ही है : विजय शंकर रस्तोगी, पक्षकार, काशी विश्वनाथ मंदिर
- ज्ञानपानी परिसर में बड़ा मंदिर था : विजय शंकर रस्तोगी, पक्षकार, काशी विश्वनाथ मंदिर
- ये ढांचा मंदिर का एक अंश है : विजय शंकर रस्तोगी, पक्षकार, काशी विश्वनाथ मंदिर
- जाकिर नाईक भी वेद का मंत्र जानता था, लेकिन अभी देश से भागकर छुपा हुआ है : विजय शंकर तिवारी, प्रवक्ता, VHP
- वेदमंत्र जानने से कोई विद्वान नहीं हो जाता है : विजय शंकर तिवारी, प्रवक्ता, VHP
- कोर्ट का फैसला सही है, लेकिन कहीं-न-कहीं तो मंदिर बनाना पड़ेगा : अतुल प्रकाश, दिल्ली
- ज्ञानपानी परिसर का बिल्कुल सर्वे होना चाहिए : विनीश आहुजा, चंडीगढ़
- हम एक अपने ही देश में अल्पसंख्यक के रूप में रहते हैं : विनीश आहुजा, चंडीगढ़
Source : News Nation Bureau