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PM Modi की सुरक्षा में आखिर SPG कमांडो ही क्यों लगाए जाते हैं, जाने कितने खास होते हैं ये कमांडो

अक्टूबर 1981 में इंटेलिजेंस ब्यूरो के कहने पर एक स्पेशल टास्क फोर्स का निर्माण किया गया.

Updated on: 08 Nov 2019, 04:11 PM

नई दिल्ली:

देश के सबसे जांबाज सिपाही कहे जाने वाले SPG कमांडो आखिर बनते कैसे हैं? ये सवाल सबके जहन में हमेशा रहता है क्योंकि जब भी हम उनको देश के पीएम या भारत दौरे पर आए किसी अति विष्शिट अतिथि की सुरक्षा में देखते हैं तो उस वक्त सबका ध्यान इन पर होता है और लोग यही सोचते हैं कि आख़िर किस चीज के बने हैं ये कमांडो. आज हम आपको बताते हैं कि एक एसपीजी का कमांडो कैसे बनता है. एसपीजी संघ की एक सशस्त्र सेना होती है जो देश के प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों सहित उनके उस समय के निकटतम परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करते हैं. सेना की इस यूनिट की स्थापना 1988 में संसद के अधिनियम 4 की धारा 1(5) के तहत की गई थी. पूर्व प्रधानमंत्री, उनका परिवार और वर्तमान प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्य चाहें तो अपनी इच्छा से एसपीजी की सुरक्षा लेने से मना भी कर सकते हैं.

इसलिए हुआ एसपीजी का गठन

1981 से पहले तक भारत के प्रधानमंत्री और उनके आवास के सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस उपायुक्त के नेतृत्व वाली स्पेशल सिक्योरिटी के हाथों में थी. अक्टूबर 1981 में इंटेलिजेंस ब्यूरो के कहने पर एक स्पेशल टास्क फोर्स का निर्माण किया गया. जो दिल्ली के अंदर और बाहर पीएम को सुरक्षा मुहैया करवाते थे. अक्टूबर 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा गार्ड्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद पीएम की सुरक्षा को लेकर रिव्यू किया गया.

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इसके लिए सचिवों की समिति ने पीएम की सुरक्षा का रिव्यू किया. निर्णय लिया गया कि पीएम की सुरक्षा को एक स्पेशल ग्रुप को दिया जाए जिसमें एक निर्दिष्ट अधिकारी का संगठित और प्रत्यक्ष नियंत्रण हो और एसटीएफ दिल्ली और दिल्ली से बाहर पीएम को तत्काल सुरक्षा देगी. इसी वजह से एसपीजी का गठन हुआ. यह एक स्वतंत्र निर्देशक के अंतर्गत स्थापित किया गया जो दिल्ली, देश और दुनिया के हर कोने में जहां भी प्रधानमंत्री जाएं वहां उनको सुरक्षा प्रदान करेंगे.

SPG कमांडो में क्या है खास

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात एसपीजी फोर्स के कमांडो खास मौकों पर ही सूट में दिखाई देते हैं. ये FNF-2000 असॉल्ट राइफल से लैस होते हैं, जो की एक फुली ऑटोमैटिक गन है. साथ ही, कमांडोज के पास ग्लोक 17 नाम की एक पिस्टल भी होती है. कमांडो अपनी सेफ्टी के लिए एक लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट भी पहनते हैं और साथी कमांडो से बात करने के लिए कान में लगे ईयरप्लग या फिर वॉकी टॉकी का सहारा लेते हैं.
1- एसपीजी सुरक्षा के लिए एल्बो और नी गार्ड पहनते है.
2- एसपीजी कमांडो के जूते भी इस तरह बने होते हैं कि किसी भी जमीन पर फिसले नहीं.
3- हाथ में खास तरह के दस्ताने होते हैं, जो कमांडो को चोट लगने से बचाते हैं.
4- एसपीजी कमांडो द्वारा पहने जाने वाला चश्मा भी इस तरह बना होता है कि लड़ाई के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो. मुख्यता यह चश्मा कमांडो कहां देख रहा है इस बात से दुश्मन को बेखबर रखने का काम भी करता है.

पीएम की सुरक्षा में विभिन्न घेरों के तहत एक हजार से ज्यादा एसपीजी कमांडो तैनात रहते हैं. इन कमांडो को भारतीय सेना और पुलिस बल से चुना जाता है. जिसके बाद इन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. पीएम की सुरक्षा में तैनात एसपीजी की खासियत यह होती है कि ड्राइवर से लेकर निजी बॉडीगर्ड तक एसपीजी के ही होते हैं. इन्हें चेहरे पर किसी भी तरह के भाव दिखाने की मनाही होती है. इनके पास एफएन हर्सटल फाइव-सेवन बंदूक और ग्लॉक 12 के विशेष तरह के दस्ताने होते हैं जो इन्हें चोट लगने से बचाते हैं.