logo-image

PM Modi के बॉडीगार्ड्स क्यों पहनते हैं काला चश्मा और क्यों लेकर चलते हैं खास ब्रीफकेस, जानें यहां

क्या आपने कभी सोचा है कि वह काला ब्रीफकेस क्यों SPG की टीम अपने साथ रखती है.

Updated on: 25 Sep 2019, 10:00 AM

नई दिल्ली:

यह बात तो अधिकांश लोग जानते ही हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी (Pm Modi) की सुरक्षा SPG यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के कमांडो करते हैं. लेकिन क्या आपकी नजर उनके साथ चल रहे कमांडो पर गई, जिनके हाथ में एक ब्रीफकेस होता. क्या आपने कभी सोचा है कि वह काला ब्रीफकेस क्यों SPG की टीम अपने साथ रखती है. अगर आपको लगता है उस काले ब्रीफकेस में जरूरी दस्तावेज और फाइलें हैं तो जनाब आप गलत हैं.

हम जानेत हैं कि एसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री सहित विदेश से आए विशेष मेहमानों को मिलती है. यह सभी कमांडो आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं. यह कमांडो कमाल के फुर्तिले होते हैं पलक झपकते ही ये अपनी पोजिशन ले लते हैं. एसपीजी का गठन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था. 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद एसपीजी को नए सिरे से तैयार किया गया था.

सोशल मीडिया पर क्या है अफवाह
सोशल मीडिया पर कहा जाता है कि अमेरिका(America) और रशिया(Russia) के राष्ट्रपति के साथ ऐसा ब्रीफकेस/बैग हमेशा चलता है. जब बराक ओबामा (Barack obama) इंडिया आए थे, तब उनके साथ ऐसे चार ब्रीफकेस थे. अमेरिकी प्रेसिडेंट जब भी कहीं जाते हैं, हर समय न्यूक्लियर कंट्रोल के कोड्स आपने साथ रहते हैं. कहा जाता है कि यह न्यूक्लियर ब्रीफकेस है. साथ ही कहा जाता है बिल्कुल ऐसे ही रशिया के राष्ट्रपति के साथ भी एक काला ब्रीफकेस चलता है.

खैर बातें जो भी हो आप को बता दें कि यह ब्रीफकेस एक पोर्टेबल बुलेटप्रूफ शील्ड है. यह पोर्टेबल बुलेट प्रूफ शील्ड ब्रीफकेस खोलते ही ढ़ाल के समान काम करने लगती है. यह अतिविशिष्ट व्यक्तियों को तत्काल सुरक्षा देती है.

और क्या होता है इस ब्रीफकेस में
इस ब्रीफकेसनुमा शील्ड में एक गन भी होती है जो सुरक्षा के काम भी आती है. किसी भी अप्रिय स्थिति का सामना करने के लिए इस ब्रीफकेस को खोलकर ढ़ाल बना लिया जाता है क्योंकि यह बुलेट प्रूफ होता है.

क्या है काले चश्मों का राज

ब्रीफकेस के साथ ही आपने देखा होगा की SPG कमांडो ड्यूटी पर हमेशा काले चश्मा लगा कर रखते हैं. दरअसल जब ये बॉडीगार्ड प्रधानमंत्री के साथ चल रहे होते है या फिर खड़े होते है तो उनकी निगाह हर तरफ दौड़ रही होती है. इस बात का किसी व्यक्ति को पता न चले की वह किसको और कहां देख रहे है, इसलिए बॉडीगार्ड काले चश्मे पहनते हैं. कहा जाता है कि जब भी ब्लास्ट होता है तो उससे निकलने वाली रोशनी से आंखें चौंधिया जाती हैं और व्यक्ति कुछ देर के लिए खुद से अपना कंट्रोल खो बैठता है. ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए भी कमांडो अपनी आंखों पर काले चश्मा को सुरक्षा कवच की तरह इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में ये काले चश्मे काफी मददगार साबित होते है और इनके द्वारा मुस्तैदी के साथ सुरक्षा प्रदान की जा सकती है.