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महाराष्ट्र में सिर्फ 3 जिला सहकारी समितियां क्यों बची हैं : शाह

महाराष्ट्र में सिर्फ 3 जिला सहकारी समितियां क्यों बची हैं : शाह

Updated on: 18 Dec 2021, 11:45 PM

अहमदनगर (महाराष्ट्र):

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि राज्य में अब केवल तीन सहकारिता समितियां बची हैं।

उन्होंने कहा, एक समय था, जब महाराष्ट्र के हर जिले में जिला सहकारी समितियों को आदर्श माना जाता था। लेकिन आज क्या हो गया है कि केवल तीन ही बची हैं।

विट्ठलराव विखे पाटिल साहित्य पुरस्कार समारोह और सहकारिता परिषद सम्मेलन में शाह ने यह भी पूछा कि महाराष्ट्र में सहकारी बैंकों में करोड़ों रुपये के घोटाले कैसे हुए।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की आजादी के 75वें वर्ष में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की थी और मैं सहकारिता आंदोलन के कार्यकर्ताओं को निश्चित रूप से बताना चाहता हूं कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार तुरंत हर संभव सहायता प्रदान करेगी। सहकारी समितियों की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि यह आंदोलन आगे बढ़े।

शाह ने यह भी कहा कि अब सहकारिता आंदोलन के साथ कोई अन्याय नहीं कर सकता, लेकिन साथ ही पारदर्शिता लाना, दक्षता बढ़ाना, पेशेवर पृष्ठभूमि वाले युवाओं को जगह देना समय की मांग है।

उन्होंने कहा कि सहकारिता के मंत्र को सहकारिता आंदोलन में शामिल करना होगा और इन मंत्रों को उचित स्थान देना होगा।

उन्होंने देश में चीनी मिलों की स्थिति के बारे में बात करते हुए कहा कि सरकार द्वारा कच्ची चीनी पर आयात शुल्क लगाया गया है, जिसने चीनी निर्यात को सब्सिडी देने के अलावा, इथेनॉल के उपयोग को बढ़ाने, इसके मिश्रण और चीनी मिलों में बेहतर वित्तीय स्थितियों के लिए कीमत में वृद्धि की है।

महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि वह यहां सहकारिता आंदोलन को तोड़ने के लिए नहीं, बल्कि आंदोलन को जोड़ने के लिए आए हैं, बल्कि राज्य सरकार को भी राजनीति से ऊपर उठकर सहकारिता की देखभाल करनी चाहिए।

शाह ने कहा, सहकारिता चाहे वित्त, चीनी मिल, दूध, उर्वरक, वितरण या विपणन के क्षेत्र में हो, उसे वर्तमान समय के अनुकूल होना होगा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.