जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने पूछा है कि क्या करणी 'सेना के गुंडों' को जीप के आगे क्यों नहीं बांधा जा रहा है और उन्हें शील्ड की तरह क्यों नहीं स्कूल बसों और सिनेमा हॉल के सामने लाया जा रहा है।
अब्दुल्ला की टिप्पणी पद्मावत का विरोध कर रहे करणी सेना की तरफ से स्कूल बस पर पथराव किये जाने की घटना के बाद आई है। जिसमें गुरुग्राम के एक निजी स्कूल के बच्चे वापस अपने घर जा रहे थे।
उन्होंने ये ट्वीट उस घटना के संदर्भ में की है जिसमें श्रीनगर में उपचुनाव के दौरान पत्थरबाजी के दौरान पत्थरबाजी कर रहे एक स्थानीय युवक को जीप के सामने सेना ने बांधा था, ताकि पत्थरबाज सुरक्षा बलों पर पत्थर न फेंक सकें।
उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा है कि करणी सेना को रोकने के लिये भारतीय सेना द्वारा कश्मीर में अपनाए जा रहे इस तरह के उपाय को देश के दूसरे हिस्सों में क्यों नहीं लागू किया जा रहा है।
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पिछले साल सेना द्वारा एक युवकर को जीप से बांध जाने की खबर आने के बाद कश्मीर में काफी नाराज़गी थी। सेना ने इसे सही ठहराते हुए कहा था कि अपरिहार्य स्थिति में लोगों की जोन बचाने के लिये इस तरह का कदम उठाया जाता है।
इसके अलावा ये फैसला लेने वाले सेना के अधिकारी मेजर नितिन तितुल गोगोई को पुरस्कार भी दिया था।
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Source : News Nation Bureau